Shakuntala

  • माडल बनाकर खड़े कर दिए जाने से संभ्रम

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दर्यापुर. तहसील में ब्रिटीशकालीन शकुंतला नैरोगेज रेलवे दुबारा शुरू होने की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही है. जनप्रतिनिधियों की अनास्था के कारण आज शकुंतला का रेलवे इंजन अकोला रेलवे स्टेशन पर माडल के तौर पर खड़ा कर दिया गया है. जिससे यह ट्रेन बंद हो जाने को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है. तत्कालीन सांसद आनंदराव अड़सूल व सांसद भावना गवली के प्रयास से शकुंतला नैरोगेज को ब्राडगेज में परिवर्तित करने केंद्र सरकार पर दबाव बनाया गया था.  लेकिन अभी तक उस दिशा में कोई काम शुरू नहीं हो सका है.

ब्राडगेज के लिये दबाव जरुरी

अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल जिला में ग्रामीणों के लिये एक अकेली ट्रेन शकुंतला छोटी लाइन पर दौड़ने वाली सबसे सस्ती मानी जाती है. इस नैरोगेज को ब्राडगेज करने के लिये चारों जिलों के जनप्रतिनिधियों को केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बनाने की नितांत आवश्यकता है. ग्रामीणों की लाइफ लाइन यह ट्रेन दुबारा ब्राडगेज पर शुरू कराने के लिये संभाग के जनप्रतिनिधियों को एकजुट होने की जरुरत है.

परमनेन्ट बंद नहीं हुई शकुंतला

कोरोना काल में रेलवे के सभी काम ठप रहे. अब चरण बध्द तरीके से यह शुरू किये जा रहे है. शकुंतला रेलवे को बंद करने के कोई आदेश अब तक नहीं मिले है. कोई यह कहता है कि यह परमनेन्ट बंद हो गई है तो यह सरासर गलत है.

तेजस सवई, रेलवे स्टेशन अधिकारी मूर्तिजापुर  

फालोअप नहीं हो पाने का खामियाजा

तत्कालीन सांसद अडसूल के प्रयासों से केंद्र सरकार ने अचलपु-दर्यापुर-मूर्तिजापुर नैरोगेज को ब्राडगेज में बदलने के लिये निधि भी मंजूर किया था. बकायदा सर्वे भी शुरू हो गया था, लेकिन वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद से फालोअप नहीं हो पाने के कारण यह प्रकल्प ठंडे बस्ते में पड़ गया. अब शकुंतला का इंजन एक माडेल के तौर पर अकोला रेलवे स्टेशन पर लोगों को देखने के लिये लगा दिया गया है. 

-सुनील भालेराव, पूर्व सदस्य, रेलवे समिति