सामान्य जनता प्रतिवर्ष आषाढ़ी और कार्तिकी एकादशी को उनके दर्शनों के लिए पंढरपुर की "वारी" (यात्रा) किया करती थी (यह प्रथा आज भी प्रचलित है), इस प्रकार की वारी (यात्रा) करनेवाले "वारकरी" कहलाते हैं। विट्ठलोपासना का यह "पंथ" "वारकरी" संप्रदाय कहलाता है। नामदेव इसी संप्रदाय के प्रमुख संत माने जाते हैं।
सामान्य जनता प्रतिवर्ष आषाढ़ी और कार्तिकी एकादशी को उनके दर्शनों के लिए पंढरपुर की "वारी" (यात्रा) किया करती थी (यह प्रथा आज भी प्रचलित है), इस प्रकार की वारी (यात्रा) करनेवाले "वारकरी" कहलाते हैं। विट्ठलोपासना का यह "पंथ" "वारकरी" संप्रदाय कहलाता है। नामदेव इसी संप्रदाय के प्रमुख संत माने जाते हैं।

    Loading

    • वारकरी सेना का सरकार को अल्टिमेटम 

    अमरावती. आगामी आषाढी वारी पर लगाए प्रतिबंध के चलते नाराज विश्व वारकरी सेना ने सरकार को 24 जून तक अल्टिमेटम दिया है. यदि तब मांगों का पूनर्विचार नहीं किया गया तो जिस प्रकार सरकार ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ बता रही है, उसी तर्ज पर वारकरी भी सरकार को ‘मेरी वारी, मेरी जिम्मेदारी’ बताकर नियमों का पालन कर कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ आलंदी से पंढरपुर पैदल रवाना होने की चेतावनी दी. 

    मांग पूर्ण करने प्रयास करेंगे – पालकमंत्री

    पालकमंत्री एड.यशोमति ठाकुर ने कहा कि कोरोना पाबंदियों के मद्देनजर पंढरपुर में आषाढ़ी वारी पालकी समारोह के लिए 10 प्रमुख पालकियों को अनुमति दी गई है. वारकरी सेना ने मांग की है कि विदर्भ में अन्य पालकियों को भी सीमित संख्या में जाने दिया जाए. इस मांग को पूर्ण करने शासन स्तर पर प्रयास करने का भरोसा उन्होंने दिलाया. वह जिला कलेक्टर कार्यालय में वारकरी सेना के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में बोल रही थीं.

    बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले समेत संभागीय आयुक्त पीयूष सिंह, कलेक्टर शैलेश नवाल, पुलिस आयुक्त डा.आरती सिंह, पुलिस अधीक्षक हरि बालाजी, निगमायुक्त प्रशांत रोड़े, मनीष महाराज शेटे, अरुण महाराज बरघाट, श्याम महाराज निचित, मधुकर महाराज साबले, बालकृष्ण आमले आदि उपस्थित थे.