विसी के इस्तिफे के लिए हंगामा, युवा सेना का विवि में आंदोलन

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अमरावती. ऑनलाइन परीक्षा में फेल हुई संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा.मुरलीधर चांदेकर के इस्तिफे की मांग को लेकर युवासेना ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया. पूरे मामले की खबर लेने शिवसैनिक विसी से मिलने पहुंचे. लेकिन उन्हे नदारद पाकर गुस्साए शिवसैनिकों ने कुर्सियां उछालकर विसी के कक्ष में तहस नहस की. जब उपकुलपति उनसे मिलने पहुंचे तो उन्हे बेशर्म का पौधा सौंपकर नारेबाजी की. आंदोलन में उपतहसील प्रमुख अंकुश सोलव, युवासेना तहसील प्रमुख शिवराज चौधरी, मनोज टेकाडे, चेतन पाचघरे, विपिन ढोंगे, मयुर गवाणे, प्रतीक कलसकर, अमर अटालकर, ऋग्वेद भुरे, शिवम जवंजाल, चेतन काले, विवेक पवार, आकाश चौधरी, अक्षय अग्रवाल, अभिजित भांडे, निकेश वडूरकर, पंकज मानकर आदि शामिल थे.

‘प्रोमार्क’ ब्लॅकलिस्टेड़ 

विवि प्रशासन ने अंतत: अपनी असफलता का ठिकरा परीक्षा के संचालन के लिए नियुक्त नागपुर की प्रोमार्क कंपनी पर फोड़ा है. विवि प्रशासन ने कंपनी का ठेका रद्द कर उसे ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है. 20 अक्टूबर को परीक्षा के पहले ही दिन तकनिकी खामियों के लिए विवि प्रशासन ने कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है. इन खामियों के कारण परीक्षाएं स्थगित करनी पडी, साथ ही छात्र और विवि प्रशासन को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसके चलते उपकुलपति डा. मुरलीधर चांदेकर ने कंपनी संचालकों को फटकारा तथा गठीत तकनिकी समिति ने कंपनी को दिया ठेका रद्द करने का निर्णय लिया. 

डिपॉजिट भी जब्त

कुलसचिव डा. तुषार देशमुख ने कंपनी को पत्र भेज कर डिपॉजिट रकम जब्त किए जाने की सूचना दी है. विवि प्रशासन ने जारी प्रेस बयान में स्पष्टिकरण दिया है कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रोमार्क कंपनीसमेत 8 कंपनियों के दर विवि प्रशासन को प्राप्त हुए थे. सभी कंपनियों ने डेमो समिति समक्ष प्रस्तुत किए थे. विवि परीक्षा लेने का अनुभव, सबसे कम रेट तथा नागपुर विवि में बेहतर काम के बूते प्रोमार्क को ठेका दिया गया था.