कलेक्ट्रेट में वॉश बेसीन बना कबाड़, कोरोना उपाय योजनाओं पर लगा रहे पलीता

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अमरावती. कोरोना का प्रादूर्भाव रोकने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह वॉश बेसीन लगाए गए. बाहर से आने वाले नागरिकों के साथ अधिकारी-कर्मियों को बार-बार हाथ धोने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब जब कोरोना की दूसरी लहर को लेकर प्रशासन उपाय योजना करने में लगा है. वहीं यह वॉश बेसीन कबाड़ बन गए है. जिससे कलेक्ट्रेट में दीए तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ हो रही है. 

लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना, दो व्यक्तियों में सुरक्षित अंतर रखने के साथ ही बार-बार हाथ धोना यह त्रिसूत्री कार्यक्रम घोषित किया है. मास्क लगाने के साथ ही शारीरिक दूरी बनाए रखने का काम नागरिक कर सकते है, लेकिन हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर व वॉश बेसीन रहना जरुरी है. जिसके चलते नागरिकों की सुविधा के लिए जगह-जगह यह सुविधा उपलब्ध करायी गई.

लेकिन जैसी ही अब कोरोना का प्रभाव कम होता गया, वैसे-वैसे इन सुविधाओं की ओर शासकीय कार्यालय के कर्मचारियों ने भी मुडकर नहीं देखा. जिसके कारण यह वॉश बेसीन कबाड़ की तरह पड़े है. अब सवाल यह है कि दूसरी लहर के बावजूद क्या प्रशासन सुस्त है या फिर नियम केवल लोगों ने ही अमल करना चाहिए. कोरोना के लगातार बढ़ते आंकड़ों के बावजूद प्रशासन ने इस वॉश बेसीन को दुबारा सुचारु करने का प्रयास नहीं किया.