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अमरावती. भूमि अभिलेख के उपअधीक्षक अनिल फुलझेले व्दारा कर्मियों के साथ किये जानेवाले असभ्य बर्ताव को लेकर कर्मचारियों ने कार्यालय शत प्रतिशत बंद का निर्णय लिया है. मंगलवार से कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन शुरु कर दिया है. 21 सितंबर तक कर्मियों ने काले फिते लगाकर ही काम किया बावजूद प्रशासन की ओर से दखल नहीं ली गई. परिणामत: कर्मचारियों के  आंदोलन के कारण अब नागरिकों को खामियाजा भूगतना पडेगा.

संगठन की सभा में लिया निर्णय

इस संदर्भ में विदर्भ भूमि अभिलेख कर्मचारी संगठन के महासचिव श्रीराम खिरेकर की अध्यक्षता में सभा हुई. जिसमें कामबंद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में 3 प्रस्ताव भी पारित किये जिसमें फुलझेले के असभ्य बर्ताव का निषेध कर विदर्भ के बाहर अकार्यकारी पद पर उनकी नियुक्ती करने की मांग की है. कर्मियों ने सुबह कार्यालय में सामने पहुंचकर आंदोलन की नोटिस चस्पा कर दी. कर्मियों के अनुसार उपअधिक्षक भूमि अभिलेख कार्यालय में कार्यरत टैक्स की तुलना में केवल 2 ही ईटीएस मशीन उपलब्ध है. प्लॉटचर भी नादुरुस्त होने से कर्मचारियों ने खुद के वेतन से उसे दुरुस्त कराया. प्रिंट के लिए रोल नहीं रहते ऐसी कई शिकायतें है अधिकारी होने के बावजूद इसका खर्च कर्मचारियों को करना पडता है. यह कहां तक उचित है. यहां के एक कर्मचारी जब उन्हें शासकीय कामकाज की अनुमति मांगने के लिए पहुंचे तो उन्हें गाली गलौच की. 

कार्यालय में कर्मचारी नहीं

सुबह 11 बजे आंदोलन कर नारेबाजी करते हुए कर्मियों ने काम करने से इंकार कर दिया. जिसके चलते सुबह से भूमि अभिलेख कार्यालय में एक भी कर्मचारी दिखाई नहीं दिया.  जिसके चलते जो नागरिक कामकाज को लेकर यहां पहुंचे थे उन्हें भी खाली हाथ ही लौटना पडा.