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मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Vidhansabha) में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को कहा कि मराठों को अलग से आरक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण को मराठा समुदाय के साथ बांटने के खिलाफ हैं। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में वडेट्टीवार ने कहा कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए इसकी सीमा बढ़ाने के सुझाव के खिलाफ नहीं हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। हालांकि, मैं ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण को मराठा समुदाय के साथ साझा करने के खिलाफ हूं।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार शिक्षा तथा नौकरियों में आरक्षण देने की मराठा समुदाय की मांग पूरी करने के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मराठा समुदाय की कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रियाओं में समय बर्बाद करने के बजाय महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण की सीमा बढ़ानी चाहिए और मराठा समुदाय को उसमें जगह देनी चाहिए।” महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

इस पर वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘फडणवीस और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विरोधाभासी रुख है। यह साफ तौर पर लोगों को धोखा देने तथा उन्हें गुमराह करने का प्रयास है।” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कैसे कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए, इसे लेकर समिति एक महीने के भीतर रिपोर्ट देगी।

इस पर वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘30 दिन भूल जाइए, अगर राज्य सरकार 30 महीने भी लेती है तो इस तरह का आरक्षण नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार पिछले सप्ताह जालना में मराठा आरक्षण के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस के बल प्रयोग के बाद लोगों के बीच उठे आक्रोश को दबाने की कोशिश कर रही है।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की तर्ज पर मराठों के लिए अलग से आरक्षण दे सकती है। पुलिस ने गत शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। प्रदर्शनकारियों ने प्राधिकारियों को, मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने से कथित तौर पर रोक दिया था जिसके बाद यह हिंसा हुई थी। (एजेंसी)