Central agricultural law farmers, anti people

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    औरंगाबाद. तीनों कृषि कानून के चलते किसानों (Farmers) को खेत (Farm) छोड़कर सड़क (Road) पर उतरना पड़ रहा है। आंदोलन (Protest) करनेवाले 150 से अधिक किसानों की मौत हुई है, लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है। आंदोलन करने वाले किसानों के चर्चाओं के कई राउंड हुए है, परंतु किसान कानून को विरोध क्यों कर रहे हैं? यह बात सरकार को समझ में नहीं आ रही है। अन्य राज्य की  तरह महाराष्ट्र में भी कृषि कानून लागू न करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करने की मांग मुवमेंट फॉर पीस एंड जस्टीस ने  आयोजित पत्रकार परिषद में की।

    संगठन के  प्रदेश उपाध्यक्ष अजीम पाशा, हमीद खान, करीम खान, रहमान चाउस, अमजद हुसैन, अब्दुल कादरी ने पत्रकारों को बताया कि कृषि कानून सिर्फ किसान विरोध नहीं हैं, बल्कि जन विरोधी भी है। इस कानून का फायदा सिर्फ कुछ लोगों को ही होगा। सरकारी व्यापार पेठ के बाहर फसल खरीदा का अर्थ है कि एमएसपी (MSP) के सहारे फसल उत्पादन की खरीदी धीरे-धीरे रोकी जाएगी। 

    कानून को तत्काल रद्द करने की मांग 

    भारतीय खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार ने अनाज खरीदी करने के चलते राशन दुकानों से गरीबों को राशन मिलने को ब्रेक लगेगा। उसके ऐवज में सरकार कुछ रकम लोगों के बैंक खाते में जमा करेगी। जिससे लोगों को एक माह का राशन भी खरीदना मुश्किल होगा। इसके अलावा अनाज, खाद्य तेल, आलू, प्याज आदि जीवन उपयोगी वस्तुओं के सूची से निकाल गए है। जिससे इन अनाजों का स्टॉक बढ़कर अनाज के दाम बढ़ जाएंगे । इस पर सरकार को नियंत्रण करना मुश्किल होगा। इसलिए यह कानून तत्काल रद्द करने की मांग मुवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस ने की।