स्वैब टेस्ट की रकम नागरिकों से ना वसूले

Loading

  •  मनपा प्रशासन के निजी अस्पताल को सख्त आदेश 

औरंगाबाद. शहर में कोरोना के जारी कहर के बीच निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के स्वैब टेस्ट लेने के नाम पर लूट खसोट जारी है. इसको लेकर मनपा प्रशासक आस्तिककुमार पांडेय के पास कई शिकायतें आ रही थी. इन्हीं शिकायतों पर पांडेय ने शहर के कोविड केयर सेंटर बनाए गए निजी अस्पतालों को एक पत्र देकर आदेश दिया कि वे स्वैब टेस्ट की रकम  नागरिकों से ना वसूले. 

मनपा प्रशासक पांडेय ने बताया कि मेट्रोपोलिस नामक निजी लैब ने महानगर पालिका के लिए 10 हजार टेस्ट मुफ्त कराकर देने की तैयारी दिखाई है. इसलिए महानगर पालिका के लिए तय किए गए 10 हजार टेस्ट का इस्तेमाल निजी अस्पताल करें. उनके पास आनेवाले मरीजों के टेस्ट लेने पर उन्हें जांच के लिए मेट्रोपोलिस लैब में भेजे. नागरिकों से किसी प्रकार की रकम ना वसूले.

बड़े निजी अस्पतालों को परमिशन दी 

 प्रशासक पांडेय ने बताया कि मनपा के आदेश पर शहर के धूत अस्पताल ने उस पर अमलीजामा पहनाना शुरु किया है. उनके अनुसार अन्य अस्पतालों को भी अमलीजामा  पहनाने के लिए बंधनकारक किया गया है. स्वैब टेस्टिंग तथा कोरोना के इलाज के लिए मनपा ने कमलनयन बजाज अस्पताल, धूत अस्पताल, एमजीएम अस्पताल, डॉ. हेडगेवार अस्पताल इन बड़े निजी अस्पतालों को परमिशन दी है. परंतु, अब तक इन निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से स्वैब टेस्ट के पैसे लिए जा रहे थे. मनपा प्रशासक के इस आदेश से शहर के आम आदमी को राहत मिली है.