औरंगाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों में पटरी पर लौट रही जिंदगी

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– सभी एमआईडीसी क्षेत्रों के 80 % कंपनियों ने शुरु किया उत्पादन

औरंगाबाद. लॉकडाउन के चलते बीते कई दिनों से औरंगाबाद के प्रमुख एमआईडीसी क्षेत्र वालूज, चिकलथाना, शेन्द्रा, बिडकीन रेलवे स्टेशन तथा पैठण एमआईडीसी में सन्नाटा छाया हुआ था. इसी दरमियान बीते एक पखवाड़े में बड़े पैमाने पर औद्योगिक क्षेत्रों के यूनिट शुरु होकर उत्पादन शुरु हुआ है. कंपनियां शुरू होने के चलते वहां कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक  कामगार व अधिकारी अपनी ड्यूटी पर दूबारा हाजिर हुए है.

शहर में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है. संक्रमित मरीजों की संख्या 1700 के करीब जा पहुंची है. इसके बावजूद ग्रीन जोन में शामिल एमआईडीसी वालूज, एमआईडीसी शेन्द्रा, रेलवे स्टेशन एमआईडीसी, पैठण एमआईडीसी  में यूनिट शुरु करने के लिए राज्य सरकार ने अप्रैल माह के आखिरी में हरी झंडी दिखाई थी. सरकार द्वारा हरी झंडी दिखाते ही एमआईडीसी ने भी जिन कंपनी के मालिकों को अपने यूनिट शुरू करने हैं, उन्हें तत्काल परमिशन दी. गत एक माह में औरंगाबाद के सभी औद्योगिक क्षेत्र में 5 हजार 480 कंपनियां शुरु होकर वहां 1 लाख 64 हजार 633 कामगार अपने काम पर हाजिर हुए है.

 वालूज एमआईडीसी क्षेत्र में 4 हजार 723 यूनिट शुरू

एमआईडीसी के विभागीय अधिकारी राजेश जोशी ने बताया कि शहर से सटे एमआईडीसी वालूज में सबसे अधिक 4 हजार 723 यूनिट शुरु हो चुके है. 80 हजार 492 कामगार काम पर हाजिर हो चुके है. इसके अलावा रेलवे स्टेशन एमआईडीसी में 171 यूनिट शुरु होकर वहां 1548 कामगार हाजिर हुए है. पंचसीतारा शेन्द्रा एमआईडीसी में 387 कंपनियां शुरु होकर, वहां 6 हजार 170 कामगार हाजिर हुए है. वहीं, चिकलथाना ए मआईडीसी में 687 यूनिट शुरु होकर 12 हजार 148 कामगार काम पर हाजिर हुए है. 

कंपनियों के बस को परमिशन दी गई 

राजेश जोशी ने बताया कि एमआईडीसी के पास पिछले कई दिनों से जारी लॉकडाउन में बंद पडे कंपनियों को फिर शुरु करने के लिए 7 हजार 507 आवेदन आए थे. उन्हें सेल्फ डिक्लेरेशन प्रमाणपत्र एमआईडीसी की ओर से दिए गए. इसके अलावा 3 हजार 550 कंपनियों के बस को परमिशन दी गई है. उन बसों के माध्यम से प्रतिदिन शहर से हजारों लोग विभिन्न एमआईडीसी क्षेत्रों  में पहुंचते है.