केन्द्रीय मंत्री दानवे के दामाद का राजनीति से  संन्यास

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औरंगाबाद. पिछले कुछ सालों से राजनीति में अलग-अलग निर्णय लेकर पूरे राज्य में चर्चित रहे केन्द्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता रावसाहाब दानवे के दामाद तथा मनसे के ग्रामीण जिलाध्यक्ष  हर्षवर्धन जाधव ने शनिवार की दोपहर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि अब वे अध्यात्मिक मार्ग पर जा रहे है. वहीं, राजनीति के लिए अपने उत्तराधिकारी के रुप में दानवे की बेटी तथा अपनी पत्नी संजना जाधव को उत्तराधिकारी बनाते हुए उनके चाहनेवालों से की अपील की कि वे उनके सारे प्रश्न अब संजना से हल करा लें.

– पत्नी संजना जाधव को बनाया उत्तराधिकारी

बता दे कि बीते कुछ दिनों पूर्व हर्षवर्धन की माता तथा बहु के बीच घरेलू विवाद हुआ था. यह विवाद पुलिस थाने तक पहुंचकर बहु व सांस ने एक-दूसरे के खिलाफ शहर के क्रांति चौक थाना में शिकायत भी की थी. उसके बाद हर्षवर्धन जाधव ने अखबार में एक जाहिर प्रगटन देकर परिवार में पैदा हुए कलह की जानकारी आम जनता को दी थी. शनिवार की दोपहर को दानवे के दामाद तथा मनसे के ग्रामीण जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए अपने उत्तराधिकारी के रुप में अपनी पत्नी तथा दानवे की पुत्री संजना जाधव  को अपना उत्तराधिकारी बनाने की जानकारी आम जनता को दी. हर्षवर्धन ने वीडियो में बताया कि अब वे अध्यात्मिक मार्ग पर जा रहे है. इसलिए राजनीति में मैंने उत्तराधिकारी के रुप में पत्नी को चुना है.

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में हारे थे हर्षवर्धन

गत वर्ष संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में हर्षवर्धन जाधव ने निर्दलीय के रुप में किस्मत अजमा कर करीब पौने तीन लाख वोट प्राप्त किए थे.उन्हें मिले लाखों वोटों के चलते शिवसेना के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत खैरे को सिर्फ 5 हजार से कम वोटों से हार का सामना करना पडा था. खैरे की हार के बाद हर्षवर्धन व खैरे के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर नोंकझोंक भी हुई थी. फिर हर्षवर्धन ने अपने पैतृक तहसील कन्नड से निर्दलीय के रुप में विधानसभा चुनाव लड़ा था. वहां भी उन्हें हार का सामना करना पडा. कुछ माह पहले उन्होंने फिर एक बार राज ठाकरे के प्रमुख उपस्थिति में मुंबई में मनसे में प्रवेश करने पर उन्हें ग्रामीण के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी ठाकरे ने सौंपी थी. हर्षवर्धन कन्नड के पूर्व विधायक भी रह चुके है.