Black fungus poses major challenge in Maharashtra after Corona, demand for injections increased up to 100 times
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भंडारा. कोरोना के लॉकडाउन के आरंभिक दिनों में ग्रीन जोन में स्थान पाने वाले भंडारा जिले में 110 दिनों में 2 लोगों के कोरोना से मौत होने की जानकारी मिली है. 13 जुलाई को भंडारा जिले में अभी तक 174 कोरोना मरीजों की संख्या हुई है तो 85 सक्रीय मरीज हैं, जबकि दो कोरोना पाजिटिव मरीज की मौत होने की जानकारी मिली है. 13 जुलाई को आइसोलेशन वार्ड में 93 व्यक्ति भर्ती हुए। अब तक 530 व्यक्तियों को आइशोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया गया.

भंडारा जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या अनलॉक-1 के समय तेजी से बढ़ी तथा ऑनलॉक -2 में 2 मौते हुई. भंडारा जिला प्रशासन को पहले इस बात को लेकर फक्र करता रहा कि भंडारा जिला ग्रीन जोन में रहा, फिर यह चर्चा भी खूब चली कि भंडारा की स्थिति तो अन्य जिलों की तुलना में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बहुत कम हुई है, उस दौरान यह दावा भी किया गया था कि भंडारा में कोरोना से किसी भी मौत नहीं होने की दी जाएगी, लेकिन एक के एक करते दो मौते कोरोना की वजह होने से हड़कंप मच गई है. हालांकि कोरोना से हुई पहली मौत के बाद यह चर्चा भी खूब हुई कि जिस व्यत्ति मौत को कोरोना की जिले की पहले मौत करार दिया जा रहा है, दरअसल उसकी मौत निमोनिया नामक बीमारी से हुई थी. बहरहाल, अनलॉक-2 भंडारा जिले के कोरोना मौत के मामले में बेहद खराब रहा है.

अभी 31 जुलाई तक अनलॉक की कालावधि है, ऐसे में आने वाले दिनों में कोरोना सक्रंमण को रोकने तथा मरीजों की संख्या में और वृद्धि न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस, कोरोना योद्धाओं तथा आम जनता को सामुहिक प्रयास करते हुए इससे बचने के जो-जो उपाय सुझाए गए हैं, उनका पालन कनरा जरूरी होगा. जिलाधिकारी तथा जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जिले की जनता से अपील की है कि जब भी वे घर से बाहर निकलें तो मुंह पर मॉस्क अवश्य लगाएं तता बार-बार साबुन या सैनेटाइजर से हाथ धोचे रहे.

भीड वाले इलाकों में जाना टालें तथा दो गज की दूरी का पहले की तरह ही पालन करें, तभी कोरोना नामक महामारी की त्रासदी से बचाव होगा. अनलॉक-2 अव तक भंडारा जिले की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक साबित हुआ है यह आने वाले दिनों में और खतरनाक रूप में सामने न आए, इसके लिए सभी को अपने- अपने स्तर पर काम करना होगा, तभी स्थिति नियंत्रित होगी, अन्यथा हालत बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी.