ED enforcement officer and associate arrested for taking bribe
प्रतीकात्मक फोटो File Photo

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     भंडारा/मोहाड़ी. मोहाड़ी के तहसीलदार देवदास बोंबार्डे को 45,000 रु. रिश्वत लेते हुए उनके ही कक्ष में एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा. जिस कक्ष में राज किया. उसी कक्ष से वे बेआबरू होकर बाहर निकले. पूरा गांव इस नजारे को देख रहा था. तहसीलदार सिर झुकाए एसीबी की गाड़ी में बैठे.

    शिकायतकर्ता का है रेत बेचने का धंधा एसीबी सूत्रों के अनुसार 20 जुलाई को शिकायतकर्ता उनके दफ्तर में पहुंचा. एसीबी को बताया कि वह एवं उसका मित्र दोनों ग्रामीण आवास योजना एवं कृषि कार्यों के लिए रेत घाट से रेत लाने एवं बेचने का धंधा करते है. उन्हें पता चला कि तहसीलदार उन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रहा है.

    वह तहसीलदार बोंबार्डे से मिला एवं अपील की कि उनके खिलाफ कार्रवाई न करें. तहसीलदार ने अपने पद का रौब दिखाया और कहा कि इसके लिए हर महीने पैसे लगेंगे. शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने अपने स्तर पर शिकायत की जांच पड़ताल की. तत्पश्चात तहसीलदार को रंगेहाथ धर दबोचने के लिए जाल बिछाया.

    शुक्रवार को एसीबी की पूरी टीम मोहाड़ी तहसील कार्यालय परिसर में फैल गयी. शिकायतकर्ता के पास डिवाइस दिया गया जिसमें उसकी एवं तहसीलदार के बीच हुई बातचीत रिकार्ड दर्ज हो सके. तय योजना के अनुसार शिकायतकर्ता पैसों को लेकर तहसीलदार के केबिन में पहुंचा. शिकायतकर्ता ने अपने दोस्त के ट्रैक्टर के लिए 30,000 रु. एवं अपने ट्रैक्टर के लिए 15,000 रु.की रिश्वत दी.

    जैसे ही तहसीलदार द्वारा रिश्वत लिए जाने का सिग्नल मिला. एसीबी की टीम केबिन में आ धमकी एवं तहसीलदार बांबोर्डे को रंगेहाथ धरा गया. जैसे ही तहसीलदार के पकड़े जाने की खबर प्रशासनिक खेमे में पहुंची. सभी अधिकारी एवं कर्मचारी हक्के बक्के रह गए. तहसील कार्यालय के बाहर जमघट तहसीलदार को रंगेहाथ धरे जाने की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैल गई. कुछ ही मिनटों में भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी.

    दोपहर 3.30 बजे के बीच हुई कार्रवाई की खबर सोशल मीडिया में केवल 10 मिनिट में फ्लैश हो चुकी थी. जो लोग तहसीलदार के कारनामे के भुक्तभोगी थी. उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए साहब के पकड़े जाने की खबर को खूब वायरल किया. ACB की प्रशंसा बगैर किसी दबाव में आए एसीबी द्वारा की गयी कार्रवाई के लिए मुख्य मार्गदर्शन एसीबी नागपुर एसपी रश्मी नांदेडकर का रहा. उल्लेखनीय है कि नांदेडकर यह भंडारा में बतौर एएसपी काम कर चुकी है.

    नांदेडकर के अलावा एसीबी एएसपी मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में भंडारा टीम उपअधीक्षक महेश चाटे, राजेंद्र कुरूडकर, कोमल बनकर, सुनील हुकरे आदि ने हिस्सा लिया. आगे की जांच उप अधीक्षक महेश चाटे कर रहे हैं. इमोजी के साथ वाट्सएप पर चली खबर प्रशासन के कामकाज से नाराज लोगों ने इस खबर का हवाला देते हुए सोशल मीडिया में अपनी भड़ास उतारी. लोगों का कहना था कि तहसीलदार जैसे बड़े अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने से रेत तस्करी रैकेट की सच्चाई सामने आ चुकी है.

    संगठित रेत तस्करी रैकेट भंडारा जिले में तस्करी जोरों पर चल रही है. रेत से लदे ट्रक और ट्रैक्टरों की वजह से सड़क बदहाल हुई है. दिनदहाड़े ट्रक एवं टिप्पर यह पुलिस विभाग एवं राजस्व विभाग को टाटा गुड बाय कहते हुए नागपुर की ओर रवाना होते हैं. भंडारा जिले में रेत तस्करी के निरंकुश जारी रहने की एक बड़ी वजह यह भी है कि प्रशासन के आला अधिकारी भी इस रैकेट में शामिल है.

    लोग चिल्लाते रहते हैं. लेकिन उन्हें रोकने की कोई हिम्मत नहीं करता. ऐसे में शुक्रवार को तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने की खबर से लोगों के गुस्से को व्यक्त करने का और एक मौका मिल चुका है. वहीं प्रशासन को की जिम्मेदारी बढ़ चुकी है कि वह अपनी छवि को सुधारें.