भंडारा (का). कोरोना के मद्देनज़र सरकार ने खबरदारी लेते हुए पहले चरण में लॉकडाऊन की घोषणा के बाद स्कूल, महाविद्यालय बंद कर दिए थे. 25 मार्च को पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, उसके बाद से लगातार स्कूल, कॉलेज बंद हैं, इसलिए स्कूल, कॉलेज में सन्नाटा छाया हुआ है. छोटी कक्षा के बच्चे घर में रहकर बोर हो गए हैं, उनका ज्यादा वक्त यूं ही गुजर रहा है.
विद्यार्थी पिछले कई माह से घर में ही अपना वक्त गुजार रहे हैं. बहुत से बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल में ज्यादा समय बीता रहे हैं. मोबाइल पर गेम खेल कर समय बीता रहे बच्चे की आंखों पर असर भी पड़ सकता है.
स्मार्ट फोन में काफी वक्त गुजारने के बाद बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ गया है. पालकों में इस बात को लेकर भयंकर चिंता है कि उनके बच्चों को आंखों की बीमारी न हो जाए. टीवी तथा स्मार्ट फोन के लगातार उपयोग किए जाने से बच्चों के स्वभाव में आक्रमकता और चिड़िचिड़ापन बढ़ गया है.