Drain
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भंडारा (का). शहर में कुछ दिनों से गंदे पानी तथा गंदगी से बजबजाती नालियों की समस्या फिर से आरंभ हो गई है. शहर के खात रोड क्षेत्र के भैयानगर के पीछे, यशोदानगर में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से नियमित रूप से नाले-नालियों का निर्माण नहीं हुआ है. नगर परिषद के पास बार-बार शिकायतें करने के बाद भी नागरिकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता.

ध्यान नहीं दे रही नप
नगर परिषद की ओर से नागरिकों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है. खात रोड के शारदा नगर और उसके पीछे के क्षेत्र में आज भी पक्के रास्ते, गंदा पानी बहकर जाने के लिए रास्ता नहीं है, जिस वजह से दुर्गधयुक्त पानी रास्ते पर भी बहता रहता है. गंदा पानी रास्ते पर बहने से स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. यशोदानगर के रास्तों तथा नालियों की समस्या का समाधान करने के लिए सुधाकर धोटे, गुणवंत शेंडे, गजानन धोत्रे, कृष्णा पांडे, परुषोत्तम कटरे, विजय राऊत, नरेश चव्हाण, अरुण रामटेके, राजहंस मस्के, सहदेव वनवे, यशवंच तिरपड़े आदि ने प्रयास किए.

अशुद्ध पानी से बढ़ी बीमारियां
इस वर्ष बहुत कम हुए जलस्तर के कारण बहुत से स्थानों पर अशुद्ध जलापूर्ति की जा रही है. नागरिकों को अशुद्ध जल पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है. अशुद्ध जल पीने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पेट संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र में हर साल करोड़ों रूपए खर्च होते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में की जाने वाले जल का शुद्धिकरण नहीं किया जाता. लोगों की तबियत अच्छी रहे, इसलिए उन्हें स्वच्छ तथा शुद्ध पानी देना बहुत जरूरी है.