MLA Gherao

Loading

तुमसर. मेहेगांव के किसानों के पानी के अभाव में धान के परहे सूखने के कगार पर होने के बावजूद बघेड़ा तालाब का पानी नहीं छोड़े जाने से नाराज किसानों ने क्षेत्र के विधायक राजू कारेमोरे की  घेराबंदी कर रौष व्यक्त किया. साथ ही धान के सूखे परहे देकर स्वागत कर अपनी नाराजी जताई.

बारिश ने फेरा मुंह
शहर से 4 किमी की दूरी पर स्थित  मेहगांव के किसानों द्वारा धान की बिजाई बोने के बाद परहे निकल आए थे, लेकिन गत एक पखवाड़े से बारिश के मुंह फेर लेने से धान के परहे सूखने लगे थे. तब गांव के किसान एवं पतंजलि के तहसील प्रभारी रामदास राणा द्वारा क्षेत्र के विधायक राजू कारेमोरे से बघेड़ा तालाब का पानी छोड़ने के लिए सबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. इस पर विधायक द्वारा आदेश भी दिया गया था. लेकिन जल वितरण के लिए अधिकारियों की लापरवाही के कारण, किसानों के खेतों में पानी नही पहुंचा. इससे किसान काफी चिंताग्रस्त थे. 

किसानों से चर्चा के बाद विधायक ने बघेड़ा तालाब के अधिकारियों से फोन पर सम्पर्क कर मेहेगांव पहुंचने के निर्देश दिए थे. इसके बाद सबंधित विभाग के  अमीन साठवने पहुंचे. उनका भी स्वागत किसानों ने सूखे धान से किया. विधायक ने भी खरीखोटी सुनाई एवं तत्काल तालाब का पानी छोड़ने के निर्देश दिए. इसके बाद विधायक कारेमोरे ने बघेड़ा तालाब का निरीक्षण किया. इस अवसर पर राकांपा के तहसील अध्यक्ष देवचंद ठाकरे, संजय टेम्भरे, प्रभू राणे एवं मेहेगांव के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

कृषि मंत्री को भेजा निवेदन
इस संदर्भ में भारत स्वाभिमान न्यास की ओर से राज्य के कृषि मंत्री को निवेदन भेजा गया. निवेदन में बताया गया कि बघेड़ा जलाशय अंतर्गत आनेवाले मेहेगांव, मिटेवाणी एवं तुमसर सीमावर्ती खेती की धान की फसल सम्पूर्ण सुख गयी है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है.

बघेड़ा जलाशय के अंतर्गत आनेवाले परिक्षेत्र की समुचित मात्रा में नहर की दुरुस्ती नहीं होने एवं अधिकारीयों की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण कई स्थानों पर से नहर टूट फुट गई है. इसकी दुरुस्ती नहीं किये जाने एवं खेती तक पानी समय पर नहीं पहुंचने से सम्पूर्ण धान की फसल सूख गई है. समुचित बघेड़ा जलाशय के परिक्षेत्र की जमीन को विधिवत नहर दुरुस्ती एवं प्रचंड मात्रा में उपक्रमित बावनथड़ी जलाशय के परिक्षेत्र में सम्मलित कर  किसानों के आर्थिक एवं मानसिक त्रासदी को सुनियोजित किया जाए.