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  • नियोजन का अभाव : केंद्रों पर खरीदी को लेकर असमंजस

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तुमसर. किसानों द्वारा जनवरी-फरवरी में धान खरेदी केंद्र पर धान बेचने लिए लेकर गए, किंतु धान का कांटा करने 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ा. उन्हें धान का पैसा भी नहीं मिला है. पैसा नहीं मिलने की वजह से किसान क्राप्ट लोन का बकाया व लोन अदा नहीं कर पा रहे हैं. लॉकडाउन के दौर में पैसा नहीं मिलने से समस्या और गंभीर हो गई हैं.

दूसरी ओर वर्तमान में धान केंद्रों का शुभारंभ किया जा रहा है, लेकिन संबंधित धान केंद्रों के गोदाम में पहले से ही धान पड़ा है. ऐसे में अभी धान को खरीदा जाता है तो उसे कहा रखा जाएगा. इसे लेकर चिंता सताने लगी हैं.

बकाया भुगतान देने की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सुरेश रहांगडाले, दिलीप सोनवाने ने इस बारे में राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि धान की बिक्री करने वाले किसानों का बकाया का भुगतान तत्काल किया जाए. साथ ही गोदाम में रखे धान को शीघ्र उठाया जाए.

हजारों टन धान गोदाम में
सहकारी समितियों के माध्यम से दिसंबर में शुरू किये गए केंद्रों पर अभी तक हजारों टन धान पड़ा है. सहकारी समितियों के गोदाम धान से भरे हैं. जिससे किसानों से खरीदे गए धान को खुले में रखने को मजबूर है. बेमौसम बारिश से धान के गीला होने की आशंका है.  लॉकडाउन के दौर में किसान पहले ही परेशान है, वहीं नये धान की बिक्री का समय आ गया है. अभी तक पुराने धान का पैसा नहीं मिलने पर किसानों को दोहरी समस्या झेलनी पड़ रही हैं.