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भंडारा. स्थानीय बस स्टैंड परिसर में कई दिनों से रह रही एक 26 वर्षीय महिला व उसकी 4 वर्षीय बेटी को वन स्टाप सेंटर में रखा गया है. आगे की कार्रवाई के लिए नागपुर भेजा गया है. बेघर, पीड़ित महिला को चिकित्सा, कानूनी, परामर्श व आश्रय सुविधा प्रदान करने के लिहाज से महिला व बालविकास मंत्रालय की ओर से वनस्टाप सेंटर शुरू किया गया है. गश्त कर रही पुलिस ने सुरक्षा के लिए खतरा देखते हुए दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया.

हाल ही में भंडारा में महिला पीड़ितों के लिए वनस्टाप सेंटर के शुभारंभ के कारण महिला को सुरक्षा मिलनी चाहिए. उसके जीवन को आसान बनाने चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए. इस उद्देश्य से मृणाल मुनेश्वर इन मां बेटी को तकिया रोड भंडारा के वन स्टाप सेंटर लाया गया. केंद्रीय प्रशासक मनीषा मोहुर्ले और उनकी टीम दोनों ने उन्हें खाना-पीना देकर काउंसलिंग की. केंद्रीय प्रशासक स्वयं उसके गांव गए और परिवार के साथ चर्चा कर उनका पुनर्वास किया.

महिला ने सुनाई अपनी आपबीती

महिला के पति की कुछ साल पहले मौत हो गई. बिगड़ते हालात के कारण सांस ने उसे बेटी के साथ घर से बाहर निकाल दिया. वह जवाहरनगर में राजमार्ग पुल के नीचे रहती थी. वह मानसिकता के कारण अपनी बेटी के साथ भटक रही थी. उसकी सांस से संपर्क कर, पीड़िता व उसकी बेटी को शरण देने की अपील की गई. किंतु उसने मना कर दिया. इसके कारण उन्हें 4 दिनों तक केंद्र में रखा गया. आगे के उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

चिकित्सा अधिकारी बांडेबुचे ने बताया कि महिला को नागपुर के मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसकी 4 साल की बेटी को बाल कल्याण समिति के आदेश से नागपुर के श्रद्धानंद बालकश्रम में रखा गया. कार्रवाई संस्था के संचालक विजय रोकडे के मार्गदर्शन में की गई. जिप व बालविकास अधिकारी नंदागवली व बांदूरकर व वनस्टाप सेंटर के कर्मचारियों ने सहयोग किया.