केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांसद मेंढे को मौका, अटकलों का बाजार गर्म

  • गडकरी एवं संघ से नजदिकी
  • पटेल एवं पटोले को शह देने की तैयारी

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– विजय खंडेरा

भंडारा. अगर सब कुछ रहा तो आनेवाले दिन में भंडारा  एवं गोंदियावासियों को बडी खुशखबरी मिल सकती है. यह खुशखबरी केंद्रिय मंत्रिमंडल में नियुक्ति को लेकर है. सूत्रों की माने तो भंडारा – गोंदिया सांसद सुनिल मेंढे को मौका दिया जा सकता है. चर्चा पर गौर करें तो मंत्रिमंडल विस्तार नए चेहरों मौका मिलने जा रहा है. महाराष्ट्र के जिन चुनिंदा नाम चर्चा में है, उनमें एक नाम सुनिल मेंढे का भी है.

उच्चशिक्षित होने के साथा ही नितीन गडकरी एवं संघ से नजदीकी का लाभ उन्हे मिल सकता है. प्रफुल पटेल एवं नाना पटोले के गढ में भाजपा को अच्छे दिन लागे के लिए इस रणनीति पर गंभीरता से विचार हो रहा है.

शिवसेना, शिरोमणी अकाली दल के एनडीए से बाहर निकलने के पश्चात केंद्रिय मंत्रिमंडल की संगठन शक्ति भी प्रभावित हुई है. इस समय मंत्रिमंडल में एक नहीं बल्कि चार पद रिक्त है. बिहार चुनाव पश्चात केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार होगा. नई दिल्ली के सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार में जिन नामों पर गंभीरता विचार हो रहा है. उसमें एक नाम भंडारा गोंदिया सांसद सुनिल मेंढे का भी है. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के चहेते एवं केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से नजदीकी होने का लाभ उन्हे मिल सकता है. सुनिल मेंढे सिव्हील इंजिनीअर है. कई विकास कामों को उन्होने अपने करीयर में पूरा किया गया है. चूंकि मोदी सरकार देश में बुनियादी ढांचा विकासित करने पर सर्वाधिक जोर दे रही है. सुनिल मेंढे के मंत्रिमंडल में आने से सरकार को फायदा हो सकता है.

पटेल एवं पटोले की काट

महाराष्ट्र में जबसे अप्रत्याक्षित तरिके से महाआघाडी की सरकार बनी है. भाजपा बाजी को फिर से हासिल करने का मौका नहीं छोड रही है. भाजपा को छोड कांग्रेस में आए नाना पटोले का विधानसभा अध्यक्ष बनना यह भाजपा के लिए किसी सदमे से कम नहीं है. प्रफुल पटेल एवं नाना पटोले के प्रभाव क्षेत्र में भाजपा अपनी खोई जमीन को फिर से हासिल करना चाहती है. जानकारों का मानना है कि पटोले एवं पटेल के प्रभाव को कम नहीं किया गया तो पार्टी को भारी नुकसान का सामना करना पड सकता है. यह कारण है कि सुनिल मेंढे के नाम पर गंभीरता से सोचा जा रहा है.

शिवसेना के एनडीए छोडने के बाद भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया. इसके पश्चात किसान बील के मुद्दो लेकर शिरोमणी अकाली दल ने साथ छोडा. केंद्रीय मंत्री हरप्रीतसिंह कौर भी मंत्रिमंडल से बाहर निकली. रेलवे राज्यमंत्री सुरेश आंगडी एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन हुआ. इस तरह मंत्रिमंडल में 4 पद रिक्त है. चर्चा पर गौर करें तो मंत्रिमंडल विस्तार नए चेहरों मौका मिलने जा रहा है. महाराष्ट्र के जिन चुनिंदा नाम चर्चा में है, उनमें एक नाम सुनिल मेंढे का भी है.

कुछ जानकार तर्क देते है कि मराठा, कुनबी समेत ओबीसी समुदाय में अपनी पैठ को मजबूत बनाने के लिए सुनिल मेंढे को आगे करने की रणनीति तैयार हो रही है. इसका असर विदर्भ समेत राजनीति की राजनीति पर पड सकता है. लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव को विचार करते हुए सुनिल मेंढे को मौका देने पर भाजपा एवं आरएसएस के पदाधिकारी चिंतन कर रहे है.