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  • असुविधाओं के कारण हर दिन हो रहे झगड़े
  • 40 हजार से ज्यादा नागरिक जिले में लौटे

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भंडारा. भंडारा जिले में 40 हजार से ज्यादा लोग महानगरों तथा दूसरे राज्यों से आए हुए हैं. कोरोना महामारी के संक्रमण को टालने के लिए बाहर से आए लोगों को उनके घर या किसी संस्था में क्वारंटाइन किया जा रहा है. भंडारा जिले में महानगरों तथा दूसरे राज्यों से आए हुए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. स्कूल, छात्रावास तथा अन्य संस्थाओं में क्वारंटाइन किए गए लोगों का कहना है कि स्वारंटाइन सेंटर में जितनी सुविधाएं होनी चाहिए, उतनी सुविधाएं नहीं हैं. सुविधाएं न मिलने के कारण क्वारंटाइन किए गए लोगों मे जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है.

देश में कोरोना महामारी के दस्तक देते ही मार्च माह की 25 तारीख से लॉकडाउन किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस लॉकडाउन के चार चरण खत्म हो चुके हैं और अब यह पांचवें चरण में पहुंच चुका है. चौथे चरण के बाद पांचवें चरण के लॉकडाउन में लोगों को बहुत कुछ सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन क्वारंटाइन में रखे जाने वाले लोगों के लिए जो नियम पहले से बनाया गया है, उस नियम का अब भी पालन किया जा रहा है.

बड़े शहरों में कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने के कारण रोजगार, नौकरी तथा शक्षिा के लिए अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर में गए लोगों ने अपनी सुरक्षा के मद्देनज़र अपने घर वापसी का नर्णिय लिया और घर की ओर रवाना हुए लेकिन घर पहुंचने के पहले जब उन्हें स्वास्थ्य जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया. अब तक भंडारा जिले में 40 हजार लोगों का महानगरों तथा दूसरे राज्य से आए हुए लोगों के रूप मे पंजीयन किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन ने बाहर से आए हुए लोगों को 28 दिन विलगीकरण केंद्र में रखने के नर्दिेश दिए थे, उसी के तहत जिले में बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया, लेकिन इन लोगों के लिए व्यवस्था ठीक ढ़ंग से न किए जाने के कारण क्वारंटाइन केंद्र में रूके लोगों के बीच संघर्ष बढ़ता ही चला जा रहा है. सुविधाएं न मिलने के कारण यहां रूके लोगों के बीच झगड़े भी बढ़ने लगे हैं.