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  • ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

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भंडारा (का). पिछले 6 महीनों से कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. 29 अगस्त को आई बाढ़ के कारण ग्रामीण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. विभिन्न व्यवसाय ठप होने से भूखमरी की नौबत आ गई है. कोरोना से छुटकारा पाने के लिए पिछले 3 महीनों से सरकार स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं.

कोरोना का परिणाम तहसील के कई व्यवसाय के साथ-साथ बाजार पर भी हो रहा है. जिसके चलते ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है. भीड़ होनेवाले सामाजिक, धार्मिक, विवाह समारोह पर शर्ते लागू होने से मंगल कार्यालय के दरवाजे बंद ही है.

इस कारण इस पर निर्भर लोग आर्थिक संकट में फंसे है. बैंड, कैटर्स, फूल विक्रेता कई व्यवसायिकों पर परिणाम हुआ है. स्कूल, महाविद्यालय, निजी क्लासेस बंद रहने से किताबें, स्टेशनरी, जनरल स्टोर की दूकानें सुनी पड़ी है. होटल्स व्यवसाय पर नियम लागू रहने से वह भी बंद जैसे ही है.