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    • मास्क सबसे अच्छी दवा है : जिलाधिकारी

    भंडारा. कोरोना संक्रामक रोग की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई. मार्च के दूसरे सप्ताह से बढ़ रहा मरीज बढ़ोतरी का ग्राफ मई के तीसरे सप्ताह में गिरा. लेकिन संकट अभी टला नहीं है. मास्क का प्रयोग, सुरक्षित दूरी बनाए रखना और बार-बार हाथ धोना ही कोरोना पर विजय पाने का एकमात्र उपाय होने की बात जिलाधिकारी ने कही है.

    जिले में 18 अप्रैल को पिक प्वाइंट पर सक्रिय मरीजों की संख्या 12,847 थी. जो 19 मई को घटकर  1,621 हो गई है. ग्राफ गिर रहा है, लेकिन सतर्कता और देखभाल के ग्राफ बढाते रहना आवश्यक है.

    मार्च 2020 में शुरू हुई कोरोना की पहली लहर भंडारा जिले ने सफलतापूर्वक काबू पाया था. मार्च 2021 के अंत में आई दूसरी लहर में पूरे देश में रोगियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई. इसमें भंडारा भी अपवाद नहीं रहा. 

    12 अप्रैल को थे सर्वाधिक मरीज

    जिले में मरीजों की बढोत्तरी की गति 18 अप्रैल 2021 तक जारी रही. 12 अप्रैल को सबसे ज्यादा 1,596 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. 1 मार्च को जिले में सबसे ज्यादा 35 मौतें दर्ज की गयी. बाद में ‘ब्रेक द चेन’ एवं विभिन्न उपचारात्मक उपायों से मरीजों की संख्या में कमी आई. 22 अप्रैल को सबसे ज्यादा 1,568 मरीज ठीक होकर घर गए. तब से अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना पॉजिटिव मरीजों से ज्यादा रही है.

    सक्रिय रोगियों की संख्या, जो 15 फरवरी, 2021 को 97 थी, 18 अप्रैल को 12,847 तक पहुंच गई थी. अब यह संख्या 1 हजार 621 हो गई है. 19 अप्रैल को रिवकरी दर 62.58% थी, जो अब बढ़कर 95.38% हो गई है. 

    12 अप्रैल को पॉझिटिव्ह दर 55.73% थी, आज घटकर 5.33 प्रतिशत हो गई है. 8 अप्रैल तक कोरोना मृतकों की संख्या एकल अंकों में थी. 9 अप्रैल से 12 मई तक मृतकों की संख्या दोहरे अंकों में थी. राहत की बात है कि  एक बार फिर यह एकल अंक में पहुंच गई है.  प्रशासन की योजना इस संख्या को शून्य करने की है.

    संभावित तीसरी लहर के लिए यंत्रणा तैयार- जिलाधिकारी

    जिलाधिकारी संदीप कदम ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था स्थापित की जा रही है. सभी तहसील में ऑक्सीजन संयंत्र के साथ 75 बेड के अस्पताल को स्थापित किया जा रहा है. सनफ्लैग के पास 500 बेडेड सुसज्जित जंबो अस्पताल बनाया जाएगा. तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है.

    इसके मद्देनजर जिला अस्पताल में बाल रोग योन पिडीयाट्रीक वार्ड बनाया जा रहा है. इसमें 50 बेड होंगे. दवाओं के भंडारण, ऑक्सीजन की उपलब्धता और मृत्यु दर में कमी को प्राथमिकता दी जा रही है.