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पटना: जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह (Vashishta Narayan Singh) ने सूचि जारी की. जारी इस सूचि में पूर्व डीजीपी और चुनाव में लड़ने के लिए वीआरएस लेने वाले गुप्तेश्वर पांडे का नाम नहीं है. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में उनको लेकर चर्चा शुरू हो गई है. पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्हें कहा कि, “मैं चुनाव लड़ूँगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा.”    

हताश निराश होने की कोई बात नहीं  
पूर्व डीजीपी ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा, “अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ. मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ. मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूँगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें।”

बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित  
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, “मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूँगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे. बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहाँ के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें.”

ज्ञात हो कि चुनाव लड़ने के लिए स्वैच्छिक सेवनिवृत्ति लेने वाले पांडे की बक्सर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी. लेकिन सीट बटवारें में यह सीट यह सीट भाजपा कोटे में चली गई. जहां भाजपा ने इस सीट से परशुराम चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि चर्चा ये भी थी कि वह भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं. 

2009 में भी लिया था वीआरएस 
यह पहला मौका नहीं है जब उनके अरमानो पर पानी फिर है, इसके पहले भी उन्हें इसी तरह का झटका लग चूका है. दरअसल 2009 लोकसभा चुनाव में  भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया था,लेकिन बाद में उन्हें निराशा मिली. जिसके बाद वह फिर से पुलिस विभाग में लौट गए.