JMT-1000-HS-EV

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    नई दिल्ली: नासिक से बाहर स्थित एक कंपनी JITENDRA EV TECH अपनी इंडस्ट्री-फर्स्ट प्रैक्टिस के तहत अपने ग्राहकों को 1 वर्ष के लिए मुफ्त इलेक्ट्रिक-ईंधन देगी। कंपनी ने प्रमुख मॉडल JMT 1000 HS के लिए फेम 2 सब्सिडी प्राप्त करके यह घोषणा की है। यह सरकार की दृष्टि, प्रसिद्धि योजना का समर्थन करने एवं मुफ्त बिजली ईंधन (Electric Fuel) प्रदान करके ग्राहकों को लाभ प्रदान करने की एक पहल है।

    इससे एक व्यापक प्रतिक्रिया उत्पन्न होने की उम्मीद है और यह भारतीय ग्राहकों में उत्साह पैदा करेगा। साथ ही उन्हें ई-मोबिलिटी की ओर स्विच करने के लिए प्रेरित करेगा। नासिक स्थित जितेंद्र ईवी टेक ने अपने ग्राहकों के लिए JMT 1000 HS EV स्कूटर मॉडल के लिए एक अभिनव धन-बचत योजना शुरू की है। कंपनी ने 1 साल की अवधि के लिए अपने ग्राहकों को मुफ्त बिजली ईंधन देने का फैसला किया है। यह ऑफर केवल 31 मार्च तक ही शुरू रहेगा।

    बैटरी और फीचर्स

    यह स्कूटर 1000 वॉट की BLDC वॉटरप्रूफ मोटर द्वारा संचालित है। यह प्रति किलोमीटर 90 किमी की रेंज प्रदान करता है। यह ट्यूबलेस टायर, एंटी-थेफ्ट-अलार्म के साथ सेंट्रल लॉकिंग, कीलेस एंट्री, फाइंड माय स्कूटर फंक्शन, मोबाइल चार्जिंग यूएसबी पोर्ट, मोटर वॉक असिस्ट (रिवर्स मोशन) सहित नवीनतम विशेषताओं के साथ आता है, इस मॉडल का एक और मुख्य आकर्षण है मोटर और बैटरी पर 3 साल की वॉरेंटी।

    कंपनी के सीएमडी जितेन्द्र शाह ने कहा, “यह अधिनियम भारत के ग्राहकों से ‘ई’ मोबिलिटी पर स्विच करने और समय-बचत को बचाने के लिए एक अपील है। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करेगा।” उन्होंने 2012 में वैकल्पिक ईंधन गतिशीलता समाधान पर अनुसंधान में निवेश करना शुरू कर दिया। 3 व्हीलर रिक्शा पर आर एंड डी परियोजनाएं ईंधन सेल, लीड एसिड और फिर एलआई बैटरी पैक जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के साथ शुरू की गईं। नियंत्रक प्रौद्योगिकी और अन्य नई ईवी प्रौद्योगिकियों में निवेश तब से जारी है।

    2026 तक भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोटर वाहन बाजार होने की उम्मीद है। वर्तमान में यह उद्योग 25 मिलियन वाहनों का निर्माण कर रहा है, जिनमें से 3.5 मिलियन निर्यात किए जाते हैं। भारत अंतरराष्ट्रीय भारी शुल्क वाले वाहन दृश्य में एक मजबूत स्थिति रखता है क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता, दूसरा सबसे बड़ा बस निर्माता और भारी-शुल्क ट्रकों का तीसरा सबसे बड़ा निर्माता है।