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नयी दिल्ली. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिये लायी गयी तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत बैंकों ने अब तक 50 लाख एमएसएमई को 1.86 लाख करोड़ रुपये के ऋणों को मंजूरी दी है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ऋण गारंटी योजना की पेशकश की थी।

योजना पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय हिस्सा है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने एमएसएमई के लिए अब तक 1.86 लाख करोड़ रुपये के ऋणों को मंजूरी दी है जिसमें से बैंकों के द्वारा 29 सितंबर तक 27 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 1,32,246 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये जा चुके हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “29 सितंबर 2020 तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 100 प्रतिशत आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत 1,86,469 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किये गये, जबकि 1,32,246 करोड़ रुपये के ऋण वितरण किये गये।”

बयान के अनुसार ये रिण 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 24 निजी क्षेत्र के शीर्ष बैंकों और 31 एनबीएफसी द्वारा व्यक्तियों और औद्योगिक इकाइयों के लिये मंजूर किया गये। इसके साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि एनबीएफसी, एचएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों की आंशिक रिण गांरटी योजना 2.0 के तहत 25 सितंबर तक बैंकों ने 45,000 करोड़ रुपये और 25,505 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो की खरीद को मंजूरी दी है।

इससे एमएसएमई और व्यक्तियों को नये कर्ज दिये जा सकेंगे। बयान में कहा गया है कि कर्जदाता वर्तमान में 3,171 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मंजूरी को लेकर बातचीत की प्रक्रिया में हैं। मंत्रालय ने कहा है कि एक अप्रैल 2020 के बाद से अब तक 33.5 लाख करदाताओं को 1,18,324 करोड़ रुपये का रिफंड किया जा चुका है। (एजेंसी)