Dharmendra Pradhan
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) को असम के बागजन में उसके एक गैस कुऐं में लगी आग के कारण आसपास के तेल एवं गैस कुंओं से उत्पादन बंद होने की वजह से पिछले 100 दिन में करीब 148 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यह बात कही।

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रधान ने कहा कि गैस के एक कुंऐं में विस्फोट के चलते तिनसुखिया जिले में स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण बागजन के आस-पास अन्य कई तेल एवं गैस कुंओं से उत्पादन बंद करना पड़ा। इन उत्पादन वाले कुंओं को बंद करने से 27 मई 2020 से आठ अगस्त 2020 के बीच कंपनी को करीब 148 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है।

बागजन में लगभग दो हफ्तों तक गैस रिसाव के बाद मई के आखिर में एक गैस के कुंऐं में भीषण आग लग गयी थी। प्रधान ने कहा कि “विस्फोट के बाद अनियंत्रित तरीके से गैस के जलने से हुए राजस्व नुकसान का सही आकलन नहीं किया जा सकता क्योंकि वहां काफी गर्मी है और आग भी।”

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसके अलावा खान और सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) और तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (ओआईएसडी) ने भी अपनी जांच समितियां बनायी है। ओआईएसडी ने अपनी रपट में कहा है कि ड्रिल पाइप को निकालना और सीमेंट के पूरी तरह सूखने से पहले विस्फोट से बचाने वाले यंत्र के निपल को बंद करना ही घटना की प्रमुख वजह रही है।

कंपनी के मुताबिक मई में आगे लगने से पहले इस गैस कुऐं से 80,000 घनमीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा था। यह गैस 3,870 मीटर गहराई से निकल रही थी। टेरी, एएक्यू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कई संस्थान क्षेत्र में हवा एवं पर्यावरण की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।