मुंबई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत दिखने लगे हैं। लॉकडाउन के तहत लागू विभिन्न प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद गतिविधियां बढ़ी हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह अभी अनिश्चित है कि आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से कब शुरू हो जायेगी। मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा और यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर कितने लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है यह देखने की बात है। रिजर्व बैंक गवर्नर यहां 7वें एसबीआई बैंकिंग एण्ड इकोनोमिक्स कन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
The lagged impact of these measures was about, to propel a cyclical turnaround in economic activity when #COVID19 brought with it calamities, miseries, endangering of lives & livelihood of people: RBI Governor delivers keynote address at the 7th SBI Banking & Economics Conclave https://t.co/VRT5pNDDAi
— ANI (@ANI) July 11, 2020
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के लिये विकास पहली प्राथमिकता है लेकिन इसके साथ ही वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महतवपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिबंधों में ढील के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटाने के संकेत दिखाई देने लगे हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य विशेष से संबंधित और व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मौद्रिक, वित्तीय, नियामकीय और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में जो भी उपाय किये गये हैं उनसे निकट भविष्य में कम से कम व्यावधान के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने में जरूरी परिस्थितियां बनाने में मदद मिलेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस समय की जरूरत विश्वास बहाल करने, वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने, आर्थिक वृद्धि को फिर से पाने और मजबूती के साथ आगे बढ़ने की है।