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    दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं जो हार नहीं मान रही हैं। हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद से अडानी की किस्मत आधी हो गई है, लेकिन समस्याओं का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। रेटिंग एजेंसियों ने कंपनी को नेगेटिव रेटिंग (Negative Report) दी है। इंडेक्स प्रोवाइडर MSCI ने अडानी के शेयरों की फ्री फ्लोट पोजिशन (Free Float Position) घटाई। अब सेबी (SEBI) ने जांच शुरू (Inquiry) की है। सेबी अडानी के कुछ निवेशकों (Investers) से संबंधों की जांच करेगा। सेबी ने अब एफपीओ (FPO) से जुड़े दो एंकर निवेशकों के साथ अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के संबंधों की जांच शुरू कर दी है।

     20,000 करोड़ रुपये का जारी किया था एफपीओ 

    कंपनी के दो निवेशकों ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के साथ संबंधों की जांच सेबी (SEBI) अदानी एफपीओ द्वारा की जाएगी, जिसे बाद में कंपनी ने वापस ले लिया। सेबी ने शेयरों की खरीद में नियमों के उल्लंघन की जांच शुरू की है।अडानी के एफपीओ में निवेश करने वाले दोनों एंकर निवेशक मॉरीशस में स्थित हैं। अदानी ग्रुप ने 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ जारी किया था। पूर्ण सदस्यता के बावजूद इसे वापस ले लिया गया। अब सेबी एफपीओ की प्रक्रिया की जांच करने जा रहा है। इसकी जांच की जाएगी कि उनका निवेशकों से कोई संबंध है या किसी तरह का हित है।

    इलारा कैपिटल और मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल पर भी नजर

    एफपीओ का प्रबंधन करने वाले दस निवेश बैंकों में से सेबी इलारा कैपिटल और मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल पर भी नजर रखे हुए है। हिंडनबर्ग ने अपनी शोध रिपोर्ट में इन दोनों का जिक्र किया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि इन दोनों की अडानी के स्वामित्व वाली एक निजी कंपनी में पार्टनरशिप है। अब सेबी इस बात की भी जांच कर रहा है कि एफपीओ में एलारा और मोनार्क के बीच कोई मिलीभगत तो नहीं है।