Nadir Godrej

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मुंबई: देश के प्रतिष्ठित उद्योग समूह गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) की होल्डिंग कंपनी गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Godrej Industries Ltd.) सस्टेनेबल डेवलपमेंट विजन (Sustainable Development Vision) के साथ विकास कर रही है। प्रसिद्ध उद्योगपति नादिर गोदरेज (Nadir Godrej) के नेतृत्व में कंपनी कंज्यूमर गुडस, एग्रीकल्चर, रियल एस्टेट, केमिकल्स और वित्तीय सेवा सहित विविध उद्योग क्षेत्रों में अपना आधार बढ़ा रही है। नादिर गोदरेज स्टार्टअप इंडिया और सस्टेनेबल डेवलपमेंट विजन को साकार करने में केंद्र सरकार को अपना सहयोग भी दे रहे हैं।

एग्रो केमिकल्स में पर्यावरण संरक्षण, खाद्य तेल आत्मनिर्भरता, सस्टेनेबल ग्रोथ और कंपनी की भावी योजनाओं के संबंध में गोदरेज इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज से ‘नवभारत’ के वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज ने विस्तृत चर्चा की। पेश हैं उसके मुख्य अंशः  

  • पर्यावरण संरक्षण के लिए केमिकल इंडस्ट्री में विश्व स्तर पर ग्रीन केमिस्ट्री का उपयोग बढ़ रहा है। गोदरेज इंडस्ट्रीज का ग्रीन केमिस्ट्री पर कितना ध्यान है?

हमारा तो विगत कई वर्षों से ग्रीन केमिस्ट्री (Green Chemistry) पर लगातार फोकस रहा है। हम पेट्रोकेमिकल्स के विकल्प के रूप में नैचुरल सोर्सेज (Natural Sources) से ओलियो केमिकल्स (Oleochemicals) बनाने पर जोर दे रहे हैं। सबसे पहले हमने वेजिटेबल ऑयल से फैटी एसिड बनाना शुरू किया। फिर हमने गुजरात में ग्रीन अल्फा-ओलेफिन का प्लांट लगाया। विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में उपयोग होने वाले अल्फा-ओलेफिन पहले केवल पेट्रोलियम से ही बनता था, लेकिन हमने वेजिटेबल ऑयल से ग्रीन अल्फा-ओलेफिन का प्रयास किया हालांकि यह आसान नहीं था और कई चुनौतियों से जूझना पड़ा। इस कारण हमने फैटी अल्कोहल बनाना शुरू किया। फैटी अल्कोहल से ही ग्रीन अल्फा-ओलेफिन बनता है। अंततः सफलता मिली। आज हम फैटी एसिड बनाते हैं। फैटी अल्कोहल बनाते हैं। बहुत सारे केमिकल नैचुरल सोर्सेज से बन सकते हैं। इसलिए हमने इथेनॉल (Ethanol) भी बनाना शुरू किया। इथेनॉल से एथिलीन बनता है और एथिलीन से पेट्रोकेमिकल्स के विकल्प के रूप में कई तरह के केमिकल्स बन सकते हैं। इसलिए ग्रीन यानी नैचुरल केमिस्ट्री के विकास की अपार संभावनाएं हैं। नैचुरल बायोफ्यूल (Natural Biofuel) की भी बहुत संभावनाएं हैं।

  • ग्रीन केमिकल्स में आगे विस्तार की क्या योजना है?

ग्रीन केमिकल्स में तो फिलहाल ज्यादा प्लान नहीं है, लेकिन ग्रीन फूडस और ग्रीन बायोफ्यूल में हम अपना फोकस बढ़ा रहे हैं। भारत में सोलर पावर और विंड पावर की काफी बातें हो रही हैं, लेकिन बायोफ्यूल के विकास की भी बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। लिहाजा हम ग्रीन बायोफ्यूल बनाने के लिए नई वैरायटी के बांस के पेड़ लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

  • भारत खाद्य तेल में, खासकर पाम ऑयल के आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर है। इसलिए सरकार देश में ही ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। गोदरेज देश में पाम ऑयल का उत्पादन बढ़ाने क्या कदम उठा रही है?

गोदरेज ने तो 1990 से ही ऑयल पाम प्लांटेशन (Oil Palm Plantation) करना शुरू कर दिया था। हमारा सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश में उत्पादन है और अब हम तेलंगाना के साथ पूर्वी राज्यों मिजोरम, आसाम, मणिपुर और त्रिपुरा में ऑयल पाम प्लांटेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे हजारों किसानों को फायदा रहा है। फिलहाल हमारा वार्षिक पाम ऑयल (Palm Oil) उत्पादन 1 लाख टन से अधिक है। हमारी योजना ऑयल पाम की खेती में हर साल 20 हजार हेक्टेयर का इजाफा करने की है। ऑयल पाम की खेती के लिए हम किसानों को हरसंभव मदद कर प्रोत्साहित करते हैं। इसके काफी अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। किसानों की आमदनी बढ़ रही है। सरकार की नीति भी सराहनीय है। हमें उम्मीद है कि अब खाद्य तेलों (Vegetable Oils) में आयात निर्भरता घटने लगेगी और अगले 20 साल में भारत ‘आत्मनिर्भर’ हो जाएगा।

  • भारत जी20 (G20) का अध्यक्ष बना है और सस्टेनेबल ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। इससे देश को कितना फायदा होगा और गोदरेज ग्रुप इसमें किस तरह योगदान दे रहा है?

जी20 का अध्यक्ष बनने से भारत को बहुत फायदा होगा। विश्व स्तर पर साख बढ़ेगी और आर्थिक विकास बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। भारत में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए अच्छा काम हो रहा है। हमारा मानना है कि भारत और भी अच्छा कर सकता है और सस्टेनेबल ग्रोथ में दुनिया को भी मदद कर मिसाल पेश कर सकता है। गोदरेज ग्रुप भी इसमें अपना योगदान दे रहा है। सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए गोदरेज ग्रुप का लक्ष्य जीरो कार्बन एमिशन (Zero Carbon Emissions) का है। हम पहले ही वाटर पॉजिटिव (Water Positive) है। हम सीएसआर (CSR) से पानी बचाते हैं। जितना पानी हम उपयोग करते हैं, उससे ज्यादा बचत करते हैं। हम वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम भी संचालित कर रहे हैं। इससे कार्बन पॉजिटिव (Carbon Positive) होने में मदद मिल रही है।

  • तेज ग्रोथ के लिए गोदरेज इंडस्ट्रीज की क्या रणनीति है और कितनी ग्रोथ की उम्मीद है?

अब हमारे सभी बिजनेस सेगमेंट में अच्छी ग्रोथ हो रही है। पिछले साल कुछ सेगमेंट में थोड़ी दिक्कत थी, लेकिन अब वह दूर हो गयी है। गोदरेज प्रॉपर्टीज बहुत अच्छा कर रही है। ओलियो केमिकल्स और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बिजनेस में भी सुधार आने लगा है। गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज का प्रदर्शन भी बेहतर हो रहा है। गोदरेज कैपिटल भी अच्छा कर रही है। पर्यावरण अनुकूल एग्रो केमिकल्स विकसित करने के लिए एस्टेक लाइफ ने नवी मुंबई में नया रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (R&D Centre) शुरू किया है। इस तरह हमें उम्मीद है कि आगामी वर्षों में वार्षिक 15 से 20 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज होगी।    

  • अमेरिका में ब्याज दर वृद्धि जारी रहने के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार रेपो रेट नहीं बढ़ायी। इस बारे में आपकी क्या राय है?   

रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) नहीं बढ़ाकर बहुत अच्छा किया है। आरबीआई का ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान है और यह सही भी है। भारत में डिमांड कम करने की बजाय सप्लाई बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि ब्याज दरें (Interest Rates) बढ़ने पर सबसे ज्यादा तकलीफ आम जनता को होती है। मुझे लगता है कि अब ब्याज दरों में वृद्धि का क्रम थम जाएगा। बढ़ाने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि ग्लोबल स्लोडाउन से महंगाई (Inflation) घटने लगी है। महंगाई घटने से ग्लोबल इकोनॉमी (Global Economy) में भी धीरे-धीरे सुधार (Recovery) आ जाएगा।