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    मुंबई: सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है। सरकार देश में ऐसी ही एक योजना चला रही है, जो सामाजिक सुरक्षा (Social Security) के साथ-साथ लोगों को आर्थिक सहायता (Financial Help) प्रदान करती है। यह एक अंतर्जातीय विवाह योजना (Inter Caste Marriage Scheme) है। यह योजना सरकार द्वारा देश में समान अधिकार देने और भेदभाव को समाप्त करने के लिए चलाई जाती है। अंतर्जातीय विवाह योजना में विवाहित लोगों को 2.50 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए विवाहित लोगों के पास विवाह प्रमाण पत्र (Marriage Certificate) होना आवश्यक है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत मिलने वाली रकम सिर्फ उन जोड़ों को दी जाएगी जिन्होंने एक जाति से दूसरी जाति में शादी (Inter Caste Marriage) की है। यदि कोई व्यक्ति सामान्य वर्ग का है और उसकी शादी दूसरे समुदाय में होती है तो वह इस योजना का लाभ उठा सकता है। 

    गलत जानकारी देने पर देना होगा जुर्माना

    अंतर-जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना (Inter-Caste Marriage Promotion Scheme) के लिए सरकार (Govt) से धन प्राप्त करने के लिए एक हिंदू (Hindu) और अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) दोनों के बीच विवाह की आवश्यकता होती है। साथ ही हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के तहत शादी के एक साल के भीतर रजिस्ट्रेशन (Registration) कराना जरूरी है। यह योजना दूसरी शादी के लिए लागू नहीं है। इसके अलावा इस योजना का लाभ उठाने के लिए गलत जानकारी देने पर नियमानुसार जुर्माना (Fine) देना होगा। इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ लेने पर अन्य योजना की राशि इस योजना से काट ली जायेगी।

    ऐसे करें आवेदन

    आप जिस क्षेत्र में रहते हैं वहां के विधायक या सांसद (MP or MLA) को इस योजना के तहत आवेदन करना होगा। इस आवेदन के बाद डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (DR. Ambedkar Foundation) भेजा जाएगा। इसके अलावा इस योजना के तहत फॉर्म भरकर राज्य सरकार और जिला कार्यालय में भी भेज सकते हैं। आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है। इसके अलावा मैरिज सर्टिफिकेट भी जरूरी है। यह दर्शाते हुए अन्य दस्तावेज भी प्रदान करना आवश्यक है कि यह पहली शादी है। जीवनसाथी का आय प्रमाण पत्र भी अनिवार्य है। दोनों के लिए ज्वाइंट बैंक अकाउंट (Joint Bank Account) मुहैया कराना भी जरूरी है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद पति-पत्नी के ज्वाइंट खाते में डेढ़ लाख रुपये की राशि जमा कराई जाएगी और एक लाख रुपये की एफडी (FD) करायी जायेगी।