इस वजह से इसरो में नौकरी नहीं करना चाहते हैं IITian, ISRO प्रमुख डॉ. सोमनाथ ने बताई वजह

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के में नौकरी पाना हर किसी का सपना होता है। लेकिन लाखों लोगों को परीक्षा देने का अवसर नहीं मिलता। लेकिन कुछ लोग इसमें मिलने वाली सैलरी के वजह से टॉप टैलेंटेड लोग इसे ठुकरा रहे है। यह बात खुद इसरो के चेयरमैन डॉ. एस सोमनाथ (Dr S Somanath) ने कही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ ने कहा कि ISRO को सैलरी स्ट्रक्चर के कारण देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं नहीं मिल रही हैं।

इसरो में शामिल नहीं हो रहे आईआईटियन 

एशियानेट न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में सोमनाथ ने कहा, “हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को इंजीनियर माना जाता है और उन्हें आईआईटियन माना जाता है। लेकिन वे इसरो में शामिल नहीं हो रहे हैं। अगर हम जाते हैं और IIT से भर्ती करने की कोशिश करते हैं, तो कोई भी शामिल नहीं होता है।” उन्होंने आगे कहा, “ऐसे कुछ लोग हैं जो सोचते हैं कि स्थान महत्वपूर्ण है। ऐसे लोग शामिल होते हैं।” इसरो प्रमुख ने यह भी कहा, “लेकिन बहुत ज्यादा नहीं और प्रतिशत मुश्किल से 1 प्रतिशत या उससे भी कम है।” 

जानकारी के लिए बता दें कि डॉ सोमनाथ के नेतृत्व में भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश और दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को छूने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचा है।

प्रेजेंटेशन देखने के बाद 60 फीसदी लोग बाहर चले गए

इसरो प्रमुख ने अंतरिक्ष संस्थान में भर्ती के लिए गए एक आईआईटी का उदाहरण साझा किया। उन्होंने कहा, “वे (टीम) उनके सामने कैरियर के अवसर प्रस्तुत कर रहे थे। कैरियर के अवसरों और काम के प्रकार के बाद उन्होंने इसरो प्रणाली की सैलरी स्ट्रक्चर प्रस्तुत की। जो छात्र वहां बैठे थे, उन सभी की नजरें हाई पे सैलरी पर टिकी थी, जो यहां कभी नहीं मिल सकती थी। प्रेजेंटेशन देखने के बाद 60 फीसदी लोग बाहर चले गए थे।”  सोमनाथ ने कहा, “आईआईटीयन जिस सैलरी से शुरुआत करते हैं, इसरो में वह सबसे अधिक है।” 

लाखों लोगों को परीक्षा देने का अवसर नहीं मिलता 

इसरो प्रमुख ने कहा, “प्रतिभाएं सामाजिक स्तर के बहुत व्यापक दायरे में फैली हुई हैं…हजारों और लाखों लोग जिनके पास उस (आईआईटी) प्रकृति की योग्यता है, उन्हें (आईआईटी परीक्षा में बैठने का) अवसर नहीं मिलता है। यह कहते हुए कि वह उनमें से एक थे। जब मैं छात्र था तो मुझे आईआईटी में जाने के लिए प्रवेश परीक्षा देने का अवसर नहीं मिला। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं एक जानकार व्यक्ति नहीं था। ऐसे लाखों लोग आईआईटी परीक्षा नहीं दे रहे हैं।” 

हर्ष गोयनका क्या कहा 

बीते महीने, बिजनेस टाइकून हर्ष गोयनका ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि डॉ. सोमनाथ ( इसरो प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग के सचिव) का वेतन 2.5 लाख रुपये था, जो टॉप IIT में औसत प्लेसमेंट पैकेज है। इसरो में अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग सैलरी स्ट्रक्चर है लेकिन इंजीनियरों के लिए शुरुआती वेतन लगभग 56,100 रुपये है।

शशि थरूर आईआईटियंस पर कैसा था तंज 

चंद्रयान-३ की सफलता के बाद मोटे पैकेज को प्राथमिकता देने वाले आईआईटियंस पर तंज कसते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा था, ‘भारतीय आईआईटी के प्रति जुनूनी हैं, लेकिन आइए गुमनाम इंजीनियरिंग कॉलेजों के पूर्व छात्रों को सलाम करें जो समर्पण के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की सेवा करते हैं और जो ‘इसरो’ जैसे राष्ट्रीय उद्यमों की रीढ़ हैं।’ ‘आईआईटीयन सिलिकॉन वैली गए, सीएटीयन हमें चंद्रमा पर ले गए!’