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    नई दिल्ली: चीन की कंपनी Xiaomi की भारतीय ईकाई पर कस्टम ड्यूटी चोरी का आरोप है। कथित तौर पर 653 करोड़ रुपये के कस्टम ड्यूटी (custom duty) से बचने के लिए मोबाइल हैंडसेट निर्माता Xiaomi India को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राजस्व विभाग को खुफिया जानकारी मिली थी कि Xiaomi India अंडरवैल्यूएशन के माध्यम से कस्टम ड्यूटी से बच रहा है, जिसके बाद मामले में जांच शुरू की गई थी।

    जांच के दौरान डीआरआई (DRI) द्वारा Xiaomi India के सभी कैंपसों में तलाशी ली गई। विभाग ने कथित तौर पर ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जो यह संकेत देते हैं कि Xiaomi India, क्वालकॉम यूएसए और Beijing Xiaomi Mobile Software Co Ltd को अनुबंध संबंधी बाध्यता के तहत रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क भेज रहा था।

    वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि Xiaomi India ने कस्टम्स एक्ट, 1962 की धारा 14 और कस्टम्स वैल्यूएशन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 का उल्लंघन किया है।

    मंत्रालय ने कहा कि लेनदेन मूल्य में “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” नहीं जोड़कर, Xiaomi India ऐसे आयातित मोबाइल फोन, पार्ट्स और कंपोनेंट के लाभकारी मालिक होने के नाते सीमा शुल्क से बच रहा था।

    “Xiaomi India में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक महत्व देते हैं कि हम सभी भारतीय कानूनों का पालन करें। फिलहाल हम नोटिस की विस्तार से समीक्षा कर रहे हैं। एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अधिकारियों के साथ कोआपरेट करेंगे,” Xiaomi के प्रवक्ता ने कहा।

    DRI ने Xiaomi India और इसके अनुबंध निर्माताओं के प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं, जिसके दौरान Xiaomi India के निदेशकों में से एक ने कथित भुगतान की पुष्टि की।

    विभाग ने सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2020 की अवधि के लिए 653 करोड़ रुपये की शुल्क की मांग और वसूली के लिए Xiaomi India को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।