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    चंद्रपुर. महानगर पालिका के आम चुनाव अगले वर्ष तय है. चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं, राजनीतिक गतिविधियां भी तेज होती जा रही हैं. लेकिन इन सब में मनपा के सीमा विस्तार को लेकर भी हलचलें तेज हो गई हैं. मंत्रालय में सुगबुगाहट है कि शीघ्र ही मनपा विस्तार की घोषणा राज्य सरकार कर सकती है. मनपा विस्तार से किन क्षेत्रों का समावेश होगा इस बात को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर आसपास की ग्राम पंचायतों के लोगों की उत्सुकता चरम पर है. मनपा में आने से संबंधित ग्राम पंचायत क्षेत्रों की भूमि के दाम आसमान छू सकते हैं. ऐसे में भूमि लेने-देने वालों की भी इस ओर निगरानी लगी हुई है.

    ग्राम पंचायतों ने किया था स्वागत

    वर्ष 2011 को तत्कालीन नगर परिषद को भंग करते हुए राज्य सरकार ने अक्टूबर से यहां मनपा की स्थापना की थी. मनपा की स्थापना करते समय नगर विकास विभाग ने नवगठित मनपा का सीमा क्षेत्र उतना ही रखा था, जो सीमा क्षेत्र नगर परिषद का था. मनपा की स्थापना के बाद एक वर्ष बाद ही सरकार ने इस मनपा के सीमा विस्तार पर काम शुरू किया था.

    इस संदर्भ में 7 फरवरी 2013 को सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए शहर के करीब बसे 18 गांवों की ग्राम पंचायतों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की थीं. मनपा के इस सीमा विस्तार प्रस्ताव का 1-2 अपवाद छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश ग्राम पंचायतों ने स्वागत ही किया था.

    राज्य सरकार द्वारा जारी उक्त अधिसूचना में मनपा के आसपास बसे 15 से अधिक गांवों को शामिल करने की बात स्पष्ट की गई थी. इनमें ताडाली, मोरवा, खुटाला, कोसारा, चिंचाला, दाताला, पडोली, लखमापुर, नेरी, कोड़ी माल, दुर्गापुर, वांढरी, अंबोरी, चक बोंडी, उमरी रीठ आदि का समावेश था.

    9 वर्षों से लटका प्रकरण

    इस अधिसूचना के जारी हुए अब 9 वर्ष हो रहे हैं, लेकिन इस संदर्भ में राज्य सरकार ने अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है. जब यह अधिसूचना जारी हुई थी, तब राज्य में कांग्रेस, राकां की गठबंधन सरकार थी. बाद में राज्य में भाजपा, सेना युति की सरकार स्थापन हुई. इस सरकार के कार्यकाल में पूरे 5 वर्ष तक मनपा के सीमा विस्तार पर कोई निर्णय नहीं हो सका.

    अब राज्य में सेना, राकां और कांग्रेस की महाआघाड़ी सरकार स्थापित है. इस सरकार को सत्तासीन हुए डेढ़ वर्ष हो रहे हैं. साथ ही अगले वर्ष इस मनपा के आम चुनाव होने जा रहे हैं. इसे देखते हुए अब सीमा विस्तार को लेकर सत्तापक्ष के राजनीतिक दलों द्वारा उठापठक शुरू है.

    डेढ़ लाख जनसंख्या पर पड़ेगा प्रभाव

    जो गांव मनपा में शामिल किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है, उन सबकी मिलाकर करीब डेढ़ लाख की जनसंख्या मनपा में शामिल होने का अनुमान है.  शहर क्षेत्र से लगकर बसे दाताला, देवाड़ा, कोसारा, पडोली, ताडाली, मोरवा, दुर्गापुर जैसे क्षेत्र इस मनपा में शामिल होते ही मनपा की आमदनी में तो इजाफा होगा ही, बल्कि इन क्षेत्रों में विकास के रास्ते भी प्रशस्त हो सकते हैं.

    फिलहाल उक्त क्षेत्र ग्राम पंचायतों के अधीन होने तथा संबंधित ग्राम पंचायतों की आमदनी सीमित होने से वहां शहरी क्षेत्र के मुकाबले तुलनात्मक विकास संभव नहीं हो रहा है.

    विधायक ने लिखी चिट्ठी

    मनपा के प्रस्तावित सीमा विस्तार को अंतिम मुहर लगाने की गुजारिश देर से ही सही, स्थानीय विधायक किशोर जोरगेवार ने राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे से की है. अपने पत्र में जोरगेवार ने ध्यानाकृष्ठ करते हुए कहा है कि सीमा विस्तार में शामिल किए जाने वाले प्रस्तावित गांव अगर मनपा में अधिकृत रूप से शामिल किए जाते हैं, तो ओद्योगिक रूप से विकसित इन गांवों का चौतरफा विकास हो सकता है. साथ ही मनपा की सालाना आय में भी बेतहाशा वृद्धि हो सकती है. सीमा विस्तार के संदर्भ में यथाशीघ्र निर्णय लेने का आग्रह उन्होंने इस पत्र में किया है.