ओबीसी मोर्चा के आयोजकों पर अपराध दर्ज

  • आपदा प्रबंधन कानून अंतर्गत की कार्रवाई
  • कुछ दिन पहले प्रशासन ने भेजा मोर्चा स्थगिति का नोटिस

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चंद्रपुर. हाल ही में शहर में निकाले गए ओबीसी मोर्चे को जिला प्रशासन द्वारा लगाये गए आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन बताते हुए जिला प्रशासन ने मोर्चे के आयोजक 8 लोगों पर फौजदारी मामला दर्ज किया है वहीं मोर्चे के आयोजकों ने पत्र परिषद लेकर कहा कि एक अकेले उन्होने ही नहीं मोर्चा निकाला है, राजनीतिक दलों ने बिजली बिल जलाओ, कामगारों एवं श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा निकाला इन सभी पर भी मामले दर्ज किए जाने चाहिए. आयोजकों का कहना है कि हम अकेले गुनाहगार नहीं है. फिर केवल हम पर ही मामला क्यो दर्ज किया गया है.

कोरोना संक्रमण को ध्यान में लेकर ओबीसी मोर्चा को स्थगित करने की अपील जिला प्रशासन ने ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के संयोजकों से की थी. इसके बावजुद चंद्रपुर में गुरूवार 26 नवम्बर को ओबीसी का विशाल मोर्चा निकाला गया. जिले में आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किए जाने की बात को लेकर पुलिस प्रशासन ने ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के 8 सदस्यों पर अपराध दर्ज किए है. 

पिछले 1 महीने से मोर्चा की तैयारी

ओबीसीयों की संवैधानिक मांगो लेकर 26 नवम्बर को आयोजित ओबीसी विशाल मोर्चा की तैयारी पिछले 1 महीने से शुरू की थी. इस दौरान कोरोना की मरीज काफी हद तक कम हुए थे. परंतु देश के कुछ राज्यों में कोरोना की दुसरी लहर तेजी से फैल रही है. इस पर ध्यान देते हुए प्रशासन ने उपाययोजना के तौर पर तैयारियां शुरू की है. इस बीच प्रशासन के सामने ओबीसी विशाल मोर्चा की चुनौती थी. 

आयोजकों की जिलाधीश व एसपी से बैठक 

ओबीसी विशाल मोर्चा को लेकर कानून व सुव्यवस्था के चलते मोर्चा आयोजकों ने जिलाधीश व एसपी से बैठक की थी. बैंठक में जिलाधीश व एसपी ने कोरेाना संक्रमण व आपदा के नजाकत को देखते हुए मोर्चा को अनुमति देने से इन्कार किया था. इसके बावजुद शहर में ओबीसी का मोर्चा निकाला गया. मोर्चा के 5 दिन पहले अर्थात 22 नवम्बर को सीएम ठाकरे ने जिलाधीश गुल्हाने से फोन से संपर्क कर चर्चा करते हुए मोर्चा को अनुमति ना देने के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधीश ने 22 नवम्बर की रात समन्वय समिति के सदस्यों से बैठक ली. बैठक में पहले ओबीसी की जनगणना करने का लिखित आश्वासन केंद्र सरकार से दिलाने के पश्चात ही मोर्चा स्थगित करने की भुमिका समिति के सदस्यों ने ली थी. इसी बीच सदस्य मोर्चा के निर्णय पर अडे रहे. 

पुलिस ने भेजा नोटिस 

ओबीसी जनगणना समन्वय समिति बैठक के बाद भी मोर्चा निकालने के निर्णय पर अडे रहने से पुलिस ने आयोजकों को नोटिस भेजा. नोटिस में बिनाअनुमति मोर्चा निकाले जाने पर आपदा कानून का उल्लंघन करने पर अपराध दर्ज करने का इशारा पुलिस प्रशासन ने दिया था. नोटिस से भयभीत नही होते हुए आयोजकों ने सावधानी तथा सभी उपाययोजना को ध्यान में रखते हुए मोर्चा निकाला. मोर्चा में अपेक्षा से अधिक भीड जुटने से कोरोना तथा आपदा कानून नियमों का उल्लंघन होने से रामनगर पुलिस ने ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के 8 सदस्यों पर अपराध दर्ज किया. 

ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के संयोजक बलीराज धोटे, डा. राकेश गावतुरे, प्रा. सुर्यकांत खनके, प्रा. विजय बदखल, एड. पुरूषोत्तम सातपुते, एड. फरहाद बेग, अन्वरभाई, एड. दत्ता हजारे पर आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन करने पर अपराध दर्ज किया है. 

अन्य आंदोलन के आयोजकों पर करे अपराध दर्ज – धोटे

शनिवार को आयोजित एक पत्रपरिषद में ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के संयोजक बलीराज धोटे ने बताया, मोर्चा की अनुमति संदर्भ में जिलाधीश से चर्चा की थी. उन्होने कोरोना का कालावधि समाप्त होने के पश्चात मोर्चा निकालने की अनुमति दी. परंतु ओबीसी जनगणना जनवरी 2021 से शुरू होने से यह मोर्चा अभी निकालना अत्यावश्यक था. मोर्चा को जिलाधीश की मूकसहमति होने की जानकारी दी. कोरोना के दौरान अन्य राजनीतिक पार्टी, सामाजिक संगठन के कई बिजली बिल जलाओं आंदोलन, धरना आंदोलन, कामगार व किसान विरोधी आंदोलन हुए उनपर प्रथम अपराध दर्ज करे. शासन व प्रशासन ओबीसियों का आवाज दबाने का प्रयास करने की जानकारी दी. 

पत्रपरिषद में ओबीसी जनगणना समन्वय समिति के संयोजक बलीराज धोटे, डा. राकेश गावतुरे, प्रा. सुर्यकांत खनके, प्रा. विजय बदखल, एड. पुरूषोत्तम सातपुते, एड. फरहाद बेग, अन्वरभाई, प्रा. मुसले, एड. प्रशांत सोनुले, डा. अभीलाष गावतुरे आदि उपस्थित थे.