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  • जिले के 43 शिक्षक कोरोना पाजिटिव
  • प्रशासन ने की तैयारी, अभिभावकों में संभ्रम

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चंद्रपुर. कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च महीने से ही सभी शैक्षणिक संस्थाओं को प्रशासन ने बंद कर दिया था। किंतु अब मिशन बिगिन अगेन के तहत कक्षा 9 वीं से 12 के कक्षाएं 23 नवंबर से शुरु करने की घोषणा प्रशासन ने की है। किंतु जनवरी फरवरी में कोरोना की दूसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभिभावकों में संभ्रम है।

जिले के प्रतिबंधित क्षेत्र छोड़कर सभी प्रबंधन अंतर्गत आनेवाली स्कूल, महाविद्यालय साथ ही छात्रावास एवं आश्रमशाला 23 नवंबर से स्कूल इमारत में लिए जाने की अनुमति दी है। जिले में जिला परिषद अंतर्गत और निजी प्रबंधन अंतर्गत आनेवाली 370 माध्यमिक स्कूलें शुरू होगी। जिन्हें पढानेवाले शिक्षक एवं अन्य शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मिलकर कुल 5,661 लोगों का समावेश है। कक्षाए शुरू करते हुए सरकार द्वारा दिए गए विभिन्न दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। कोविड-19 के बारे में केन्द्र एवं राज्य सरकार के निेर्देशों का पालन कर विद्यार्थियों के उपस्थिति के संदर्भ में अभिभावकों से आवश्यक लिखित सहमति स्कूलों ने लिए है।

शिक्षकों की कोरोना जांच पर विद्यार्थियों का क्या 

शिक्षकों को दीपावली अवकाश 20 नवंबर तक दिया गया था। इसके चलते कई शिक्षक सपरिवार बाहर गांव घुमने चले गए थे। साथ ही दीपावली पर्व को देखते हुए कई विद्यार्थी भी अपने करीबी रिश्तेदारों के यहां घुमने फिरने के लिए गए थे। ऐसे में राज्य सरकार ने 23 से स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया है। कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के शिक्षकों को कोरोना जांच अनिवार्य की है। इसके अनुसार आसपास दो हजार शिक्षकों की कोरोना जांच होगी अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी हाल ही में बाहर गांव से वापस लौटे है बीते दस दिनों में किसी को संक्रमण हुआ भी हो तो एकदम से इसके लक्षण सामने नहीं आये है ऐसे में क्या उपाय किया गया इसका शिक्षण विभाग के पास कोई जवाब नहीं है।

4300 शिक्षकों की जांच 34 पाजिटिव

23 नवंबर से कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की स्कूल, कालेज शुरू होने जा रहे है इससे पूर्व शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कोरोना जांच कर रिपोर्ट देनी थी जिसके चलते जिले के कुल 5661 में से 4300 ने कोरोना जांच करायी है। जिसमें से 34 शिक्षक कोरोना पाजिटिव पाये गये है। 

शिक्षाधिकारी ने दिए स्कूलों को उपाययोजना के निर्देश

जिला परिषद के माध्यमिक शिक्षणाधिकारी उल्हास नरड का कहना है कि कंटेनमेंट जोन छोडकर जिले के सभी प्रबंधन अंतर्गत आनेवाली स्कूलों, कालेजों में कक्षा 9 वीं से लेकर 12 वीं की कक्षाएं साथ ही छात्रावास एवं आश्रमशालाएं  23 नवंबर से शुरू हो रही है। इसके तहत स्कूल की स्वच्छता, सैनिटाईजिंग की सुविधा करने, शिक्षकों की कोविड-19 की जांच, कार्यगट तैयार करने, बैठक व्यवस्था, शारीरिक अंतर नियम अनुसार करने, सोशल डिस्टसिंग के लिए निशान लगाने आदि के निर्देश दिए गए है।

स्कूलों की सफाई और सैनेटाईज असंभव-प्राचार्य बोबडे

चंद्रपुर जिला मुख्याध्यापक एसो. के जिलाध्यक्ष प्राचार्य नरेंद्र बोबडे का कहना है कि पिछले 8 महीने से स्कूल कालेज बंद पड़े है। कक्षा कक्ष, बैठक स्थान आदि धूल से सने हुए है। वर्तमान में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी दीपावली की छुट्टियां बीताकर लौटे है, 22 तारीख तक शिक्षकों को कोरोना जांच रिपोर्ट पेश करनी थी। ऐसे में स्कूल कालेजों का सैनिटाईजेशन और स्वच्छता करना संभव नहीं है। सरकार ने जल्दबाजी में निर्णय लिया है. स्कूलें शुरू करने के लिए और थोड़ा समय दिया जाना आवश्यक था.