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    •  30.9 प्रश बारिश अब तक

    चंद्रपुर. जिले में रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक शहर समेत अन्य क्षेत्रों में धूप रही. लेकिन शाम होते ही बारिश का मौसम बन गया था. शनिवार की रात कई स्थानों पर अच्छी बारिश हुई. जिले में अब तक 30.9 प्रश बारिश दर्ज की गई है. इस बीच, धान उत्पादक क्षेत्र के किसानों को अब भी सावन की झड़ी वाली बारिश की प्रतीक्षा है.

    जुलाई माह का प्रथम सप्ताह बीत जाने के बाद भी निरंतर 4-5 दिनों तक लगातार चलने वाली बारिश का नजारा देखने को नहीं मिल रहा है. मानसून के जोर नहीं पकड़ पाने से किसान काफी चिंतित है. रात में हुई बारिश ने कुछ हद तक किसानों को संजीवनी दी है, परंतु धान उत्पादक क्षेत्र में सारा दिन सूखा रहा. यहां एक बूंद भी बारिश नहीं हुई.

    सावन की झड़ी का इंतजार

    लगातार होने वाली सावन की झड़ी से पानी भूमि में समाने से भूजल स्तर में बढ़ोतरी होती है. वहीं खेतों में फसल पर इसका असर अधिक होता है. मूसलाधार और तीव्र गति की बारिश अक्सर किसानों को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में एक तो खेतों में पानी जमा हो जाता है, वहीं यदि कुछ घंटों पूर्व बीज बुआई की गई हो, तो पूरे बीज पानी में बह जाते हैं.

    रिमझिम बारिश के कारण बारिश का पूरा पानी जमीन में समाता है. इससे फसल समेत बीजों की जमीन में पकड़ मजबूत होकर फसल अपने सही रूप में विकसित होती है. इस समय जिले में बीज बुआई का काम पूरा होकर फसल अंकुरित हो चुकी है. धान रोपाई का काम बारिश के अभाव में अटका हुआ था, परंतु पिछले 3 दिनों में बारिश के रुक-रुक कर आने से किसानों को राहत मिली है.

    रोपाई के लिए तैयारी

    ब्रम्हपुरी तहसील में में मृग नक्षत्र के प्रारंभ में जोर दिखाने के बाद से बारिश नदारद है. तोरगांव, कोलारी परिसर में किसानों ने धान के महंगे बीज खरीदकर बुआई की, जिसके चलते धान पौधों के रूप में विकसित हुए और इस दौरान बीच-बीच में रिमझिम बारिश ने मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुके धान के पौधों को नवसंजीवनी दी. धान अब विकसित होने की स्थिति में पहुंचा था कि बारिश का असर कम हो गया है. 25 से 30 दिनों के धान के पौधे रोपाई के लिए तैयार हो चुके हैं.

    जिन किसानों के पास कुआं, बोरवेल आदि सिंचाई की सुविधा है, वे किसी तरह से रोपाई का काम निपटा रहे हैं. अन्य कई किसानों ने गोसीखुर्द नहर से सिंचाई कर रोपाई की शुरुआत कर ली है. कई स्थानों पर नहर का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. सभी को मानसून के पूरे शबाब पर पहुंचने की प्रतीक्षा है. आमतौर पर जुलाई माह में मानसून पूरे जोर पर होता है, परंतु पिछले 2 वर्षों से जुलाई में मानसून की रफ्तार धीमी होने से इसका खामियाजा धान उत्पादक किसानों को उठाना पड़ रहा है.

    जिले में वर्षा की स्थिति

    चंद्रपुर तहसील में 18 मिमी, बल्लारपुर 21 मिमी, गोंडपिपरी 4.3 मिमी, पोंभूर्णा शून्य, मूल 6.1 मिमी, सावली 4, वरोरा 19.7 मिमी, भद्रावती 12.8 मिमी, चिमूर 6.4 मिमी, ब्रम्हपुरी शून्य, सिंदेवाही शून्य, नागभीड़ शून्य, राजुरा 9.8 मिमी, कोरपना 43.6 मिमी, जिवती 37.3 मिमी कुल मिलाकर  183 (12.2 मिमी) अब तक 30.9 मिमी बारिश हुई है.