संबित पात्रा और रमन सिंह को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से बड़ी राहत, दर्ज एफआईआर लगाई रोक

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    बिलासपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सोमवार को कथित टूलकिट मामले पर दर्ज कराई गई एफआईआर पर रोक लगा दी है। 

    ज्ञात हो कि, बीते महीने संबित पात्रा ने एक कथित टूलकिट का खुलासा किया था। जिसमें पात्रा ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि, इसी टूलकिट का उपयोग कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं रमन सिंह ने इस टूलकिट दस्तावेजों को ट्वीट किया था। भाजपा के लगाए आरोप पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस और एनएसयूआई ने रायपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन मेंने दोनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। 

    क्या था मामला?

    19 मई को संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर कुछ दस्तावेज पेश किए थे और कांग्रेस पर टूलकिट का उपयोग कर सरकार को बदनमा करने का आरोप लगाया था। पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस ने महामारी के समय ऐसे ही ‘‘टूलकिट” के जरिए सरकार के घेरने के लिए विभिन्न माध्यमों से देश में भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) ने महामारी को प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोरोना के नये स्ट्रेन को मोदी स्ट्रेन का नाम देने का निर्देश दिया। विदेश पत्रकारों की मदद से भारत को बदनाम करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई।”

    इंडियन स्ट्रेन पर कांग्रेस को बीजेपी ने घेरा 

    पात्रा ने कहा कि कोरोना का जो नया स्ट्रेन आया है और उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारतीय स्ट्रेन कहने से मना कर दिया है लेकिन कांग्रेस इसे ‘‘इंडियन स्ट्रेन” और उससे भी आगे बढ़कर ‘‘मोदी स्ट्रेन” के नाम से प्रसारित करने में लगी है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत ही दुखद है। कहीं न कहीं देश को पूरे विश्व में अपमानित और बदनाम करने के लिए एक वायरस को भारत के नाम, प्रधानमंत्री के नाम पर प्रतिपादित करने की चेष्टा है। मुझे लगता है यह कांग्रेस पार्टी के असली चेहरे को दर्शाता है।”

    कांग्रेस ने किया था पलटवार

    कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर ‘‘फर्जी टूलकिट” को प्रचारित करने का आरोप लगाया और कहा कि वह इस मामले में सत्ताधारी दल के नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगी। ‘‘टूलकिट” एक प्रकार का दस्तावेज होता है जिसमें अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदुवार मुद्दे होते हैं। अपने अभियान को धार देने के लिए इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान भी एक टूलकिट सामने आया था जिसकी काफी चर्चा भी हुई थी।