Akshay Oberoi

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आकाश जायसवाल@नवभारत
मुंबई: साल 2024 में एक्शन ड्रामा फिल्म ‘फाइटर’ फिर रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘एक कोरी प्रेम कथा’ से दर्शकों का मनोरंजन करने के बाद अब अभिनेता अक्षय ओबेरॉय जी5 की सीरीज ‘द ब्रोकन न्यूज’ सीजन 2 के साथ दर्शकों के बीच लौट आए हैं। इस सीरीज में सोनाली बेंद्रे और जयदीप अहलावत भी मुख्य भूमिका में हैं। मीडिया में सेंसेशलिजम और फेक न्यूज जैसे मुद्दों को उजागर करती इस सीरीज को लेकर अक्षय ने नवभारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जहां उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के बदलते ट्रेंड और अपने करियर पर भी चर्चा की।

फाइटर में आप गंभीर और एक्शन अवतार में नजर आए थे। इस शो में आपका किरदार कितना दिलचस्प है?
हर किरदार अलग होता है। मेरा पिछला किरदार देशभक्त था और इस सीरीज में मेरा जो रोल है, वो सिर्फ पैसा कमाना चाहता है। वो अमेरिका में पला बढ़ा है और एक व्यापारी है। मेरे दोनों के किरदार एक-दूसरे से बेहद अलग है। ट्रेलर में मेरे किरदार के बारे में ज्यादा बताया नहीं गया है कि क्योंकि ये एक रहस्यमयी किरदार है, जिसके बाद मैं ज्यादा बता नहीं सकता। अगर आप इसके बारे में सब जाना लोगे तो शायद आपको सीरीज देखने में अधिक मजा न आए और यही कारण है कि हमने इस किरदार की झलकियों को भी ढक कर रखा है।

आपने अपने करियर में अधिकांश इंटेंस रोल किए हैं। फैंस आपको एक कॉमेडी फिल्म में देखना चाहते हैं?
मैं तो चाहता हूं ऐसी कोई फिल्म करना और कॉमेडी मुझे बहुत पसंद है। ऐसी फिल्म करने की मेरी बड़ी इच्छा है, लेकिन इसमें किस्मत का भी बड़ा योगदान होता है। मैं तो ऐसे अवसर खोज रहा हूं, जहां मुझे कुछ कॉमेडी करने का अवसर मिले। कॉमेडी से ज्यादा मेरे पास इंटेंस रोल के ऑफर्स आते हैं, तो मैं उन्हें भी करता रहता हूं।

एक एक्टर के रूप में डर लगता है कि मुझे केवल गंभीर किस्म के रोल्स के योग्य ही न समझ लिया जाए?
मुझे इस बात में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि मुझे अपने करियर में काफी हद तक विभिन्न किरदारों को निभाने का अवसर मिला है। मुझे अपने जीवन ज्यादा पैसा या फेम नहीं मिला, लेकिन मुझे अलग-अलग प्रकार के रोल जरूर मिले हैं। मैं कभी ड्रामा में तो कभी एक्शन फिल्म में दिखता हूं, तो कभी ‘कालाकांडी’ जैसे कॉमेडी फिल्म में दिखता हूं। मेरी कोशिश यही रही है कि मैं अलग-अलग प्रकार के रोल्स को करता रहूं। मैंने अपने करियर में सारे जॉनर किए हैं। दुनिया ने उसे अधिक नहीं देखा है वो अलग विषय है।

आज डिजिटल मीडिया के कारण चाहे न्यूज मीडिया में हो या फिल्मों में, किसी भी तरह का प्रोपेगेंडा एक्सपोज हो जाता है। आपको लगता है सोशल मीडिया के बढ़ते ट्रेंड के कारण फायदा हुआ है?
बिलकुल, चीजें अब पारदर्शी हो गई है और हम इंसानों के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है कि हमें सही जानकारी मिले।

आप पार्टीयों में जाना और एयरपोर्ट पर स्पॉट होना पसंद नहीं करते बल्कि टैलेंट के दम पर काम हासिल करने में विश्वास रखते हैं। लेकिन आपको लगता है कि इंडस्ट्री के इस कल्चर को फॉलो न करने के चलते आपका नुकसान होता है?
हर एक चीज का विपरीत परिणाम तो होता है, लेकिन आप हमेशा वही करे, जो आपको सही लगता है। मेरी सोच ये है कि पार्टियों में न जाना, पापाराजी द्वारा एयरपोर्ट या कहीं बाहर क्लिक न होने के चलते आपको पॉपुलैरिटी मिलने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन मुझे इंडस्ट्री में लंबे समय तक टिकना है। अगर आप हर जगह जाकर शोशा (पब्लिसिटी) कर रहे हैं, तो उस लाइफस्टाइल का जीवन बहुत छोटा है। मैं फिल्म इंडस्ट्री में मेहमान बनने नहीं टिकने आया हूं। मुझे लगता है कि यही सही रास्ता है। आपका काम अच्छा है तो आप परमानेंट रहेंगे।

आपको लगता है कि ये पापाराजी और पार्टी कल्चर कलाकारों पर एक तरह से दबाव डालता है और इसका संयमित होना बहुत जरूरी है?
मैं कल्चर पर अधिक नहीं कह पाऊंगा क्योंकि ये बड़ा मुद्दा है और मैं इसे बड़ा नहीं बनाना चाहता। मैं खुद अक्सर सोचता हूं कि जो आर्थिक रूप से मजबूत है वो मीडिया फोटोग्राफर्स और अन्य प्रमोशन के साधनों पर लाखों रुपए खर्च करके खुद को लाइमलाइट में ला सकता है। इसके चलते इंस्टाग्राम पर जो ऑडियंस उन्हें देख रही हैं उन्हें लगता है कि ये शख्स बड़ा पॉपुलर हो गया। लेकिन मैं कहां अकेले इं चीजों को बदल पाऊंगा, वो तो नामुमकिन है। लेकिन हां ये चिंता का विषय है लेकिन मुझे बदलाव की उम्मीद बेहद कम है। सच तो ये है कि अगर आप टैलेंटेड और मेहनती हैं तो किसी न किसी दिन आपको आपके टैलेंट का श्रेय मिलेगा। ‘द ब्रोकन न्यूज’ में ही देख लो जयदीप अहलावत हैं, वें बेहद टैलेंटेड हैं और कितने वर्षों से काम कर रहे हैं और अब जाकर इंडस्ट्री उन्हें पहचान रही है, जो आदमी शॉर्टकट ढूंढने लगता है कि नीचे गिरना तय है।