मुंबई: अभिनेता सुनील दत्त ना सिर्फ परदे पर हीरो थे बल्कि परदे से बाहर भी उनमें हीरो बनने के सारे गुण मौजूद थे। उन्हें बॉलीवुड का सबसे सभ्य और नरम दिल इंसान माना जाता है। उन्होंने इंडस्ट्री को अमिताभ बच्चन से लेकर विनोद खन्ना तक जैसे स्टार दिए। अभिनेता से नेता बने सुनील दत्त ने सामाजिक स्तर पर कई बड़े काम किए हैं। 25 मई, 2005 को सुनील दत्त का हार्ट अटैक से निधन हो गया। आज सुनील दत्त की 18वीं पुण्यतिथि है। आइये इस मौके पर आपको बताते हैं उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा, जिससे फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को समझा जा सकता है।
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सुनील दत्त ही थे पाकीजा के हीरो
साल 1972 में रिलीज हुई मीना कुमारी की फिल्म ‘पाकीजा’ हिन्दी सिनेमा की मास्टरपीस फिल्म मानी जाती है। चार दशक बाद भी ये फिल्म दर्शकों द्वारा काफी पसंद की जाती है। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि अगर सुनील दत्त नहीं होते तो ये फिल्म कभी पूरी नहीं होती। पाकीजा का निर्माण जब 1962 में शुरू हुआ, तो सुनील दत्त ही इसके हीरो थे। लेकिन मीना कुमारी की जिद्द पर बाद में उनकी जगह राजकुमार को ले लिया गया। फिल्म के निर्माण के दौरान बीच मीना कुमारी और कमाल अमरोही के संबंध काफी खराब हो गए और फिल्म अधर में लटक गई।
सुनील दत्त ने उठाया जिम्मा
साल 1964 में एक दिन सुनील दत्त कमलिस्तान स्टूडियो में शूटिंग कर रहे थे, तब कमाल अमरोही ने उन्हें पाकीजा के कुछ रेशेज दिखाए, जो एक्टर को काफी पसंद आए। सुनील दत्त को लगा कि ये फिल्म दर्शकों तक जरूर पहुंचनी चाहिए। सुनील दत्त ने मीना कुमारी को मनाने का जिम्मा अपनी पत्नी नरगिस दत्त को सौंपा।
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दर्शकों तक पहुंची पाकीजा
नरगिस और मीना कुमारी के बीच संबंध काफी अच्छे थे। इसलिए जब नर्गिस ने उन्हें समझाया तो मीना कुमारी शूटिंग के लिए तैयार हो गई। लेकिन तब तक खुद मीना कुमारी की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि, वो इस फिल्म में और पैसा नहीं लगा सकती थी। तब सुनील दत्त ने अपने पैसे से इस फिल्म की शूटिंग पूरी करवाई। इस तरह फिल्म पूरी होकर थियेटरों तक पहुंची। सुनील दत्त का अनुमान एकदम सही निकला। इस फिल्म के गाने भी जबरदस्त हिट रहे। पाकीजा को हिंदी सिनेमा की सबसे क्लासिक फिल्म मानी जाती है।