बॉलीवुड फिल्ममेकर करण जौहर के पिता यश जौहर का जन्म 6 सितंबर 1929 में लाहौर में हुआ । यश जौहर अपनी फिल्मों में भव्य सेट और विदेशी लोकेशन के लिए काफी जाने जाते थे। यश जौहर ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं जिनमें ‘कल हो ना हो’, ‘कुछ कुछ होता हैं’ फिल्में शामिल है। बता दे कि विभाजन के बाद यश जौहर का परिवार दिल्ली में बस गए। यहां उनके पिता ने एक मिठाई की दुकान खोली। अपने परिवार में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे होने की वजह से यश जौहर को उनके पिता ने दुकान संभालने की जिम्मेदारी दी दी।
लेकिन यश जौहर की मां को जैसे ही यह बात पता चली उन्होंने आने बेटे को मंबई चले आने की नसीहत दी।बेटे के मुंबई आने के लिए पैसों का जुगाड़ करने के लिए उनकी मां ने यश जौहर के मंबई आने के एक हफ्ते पहले ही घर से गहने और पैसे गायब कर दिए। ऐसे में घर से पैसे गायब होने का शक उनके सिक्योरिटी गार्ड पर गया जहां उसकी खूब पिटाई भी हुई। यश जौहर को इस बात की सच्चाई काफी बाद पता चली।
मुंबई आकर यश जौहर ने टाइम्स ऑफ इंडिया में बतौर फोटोग्राफर काम किया।उन दिनों ‘मधुबाला की फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग चल रही थी। ऐसे में एक्ट्रेस मधुबाला किसी को भी अपनी तस्वीर खींचने नही देती थी।लेकिन यश जौहर पढ़े लिखे थे और अंग्रेजी भी काफी अच्छा बोल लेते थे इसलिए उनसे खुश होकर मधुबाला ने उन्हें अपनी तस्वीर क्लिक करने दी।
सिलसिला यही नही थमा, यश जौहर से मधुबाला इतनी ज्यादा इम्प्रेस हो गई कि उनको उन्होंने अपने गार्डन में घुमाया। इसके बाद यश जौहर के किस्मत ने यूं टर्न लिया। यश को मधुबाला के ऑफिस में नौकरी मिल गई। बतौर निर्माता यश जौहर ने अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की फ़िल्म दोस्ताना से डेब्यू किया। यह फ़िल्म काफी सुपरहिट रही लेकिन इसके बाद भी उनकी फिल्में कुछ खास नही चली। वह फ़िल्म प्रोड्यूस करने के साथ इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस भी करते थे।
बतौर को-प्रोड्यूसर यश जौहर देवानंद के प्रोडक्शन हाउस से जुड़ गए। तभी यश जौहर ने गाइड, ज्वेलथीफ, प्रेम पुजारी, हरे रामा हरे कृष्णा जैसी शानदार फिल्मों को बड़े पर्दे पर लाया। फिर साल 1977 में यश जौहर ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘धर्मा प्रोडक्शन’ शुरू की।