लेजली लेविस ने दिवंगत सिंगर केके को याद कर री-क्रिएट किया ‘यारों-दोस्ती…’ गाना

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    सिंगर के.के आज हमारे बीच नही हैं लेकिन उनके गाये हुए सदाबहार गीत और उनके खूबसूरत आवाज की गूंज ताउम्र तक हमारे दिल में बसी रहेगी। एक ऐसा लाजवाब फनकार, जिसकी आवाज इस भीड़ में न तो कभी खो सकती हैं और न ही कभी चाहनेवालों के दिलों से निकल सकती हैं।  के.के का गाया हुआ और लेसली लेविस का कंपोज़ किया हुआ गाना ‘यारों-दोस्ती’ आज भी लोगों के जहन में बसा हुआ हैं। और अब 23 साल के बाद लेसली लेविस ने अपने दोस्त के के की याद में इस यादगार गीत को के.के के बेटे नकुल और बेटी तमारा के साथ फिर से बड़ी ही खूबसूरती से रिक्रिएट किया । 23 सालों बाद बांद्रा के पर्पल हेज़ स्टूडियों में लेसली लेविस ने ‘यारों’ गाने को रिक्रिएट किया जहां पर पहली बार के के ने इस गाने को गाया था और 23 साल बाद पहली बार पिता के लिए बेटा नकुल और  बेटी तमारा ने इस गाने में अपनी आवाज देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।

    इतने भावुक पलों को याद करते हुए लेसली लेविस कहते हैं कि,” मेरा और के के रिश्ता काफी पुराना हैं 23 साल पहले हमने पर्पल हेज़ स्टूडियो में यारों गाने की रिकॉर्डिंग की थी। वो पल बहुत ही खूबसूरत थे। हम दोनों के लिए वो बहुत प्यारी यादे थी और अब 23 सालों बाद मैंने उसी स्टूडियो में यारों-दोस्ती गाने को री- रिकॉर्ड किया उनके बच्चे नकुल और तमारा के साथ जहाँ उनकी पत्नी ज्योति भी आयी थी। पहली बार नकुल ने पापा के लिए गाना रिकॉर्ड किया और जब मैंने उसकी आवाज सुनी, मुझे के के के अलावा और कोई नजर नही आया । उसकी आवाज हूबहू के के जैसी लगी ।आज अगर वो हमारे बीच होते तब ये सब देखकर बहुत खुश होते। 

    इसके आगे लेसली कहते हैं कि,’ जिस दिन मैंने के के को उसकी जिंदगी का पहला जिंगल, ब्रेक के तौर पर दिया था उस दिन नकुल पैदा हुआ था। इसलिए हमारा साथ इतना अनूठा और गहरा हैं कि रिकॉर्डिंग के वक़्त उनकी वाइफ ज्योति कृष्णा भी आयी हुई थी । इस गाने की री-क्रिएशन भी इतनी खूबसूरत हुई हैं जिसके लिए मेरे पास अल्फ़ाज़ नही हैं”। 

    अपने पापा को इस गाने के जरिये श्रद्धांजलि देते हुए एक मीडिया से बात करते हुए के.के के बेटे नकुल कहते ,” पापा के जाने के बाद हम पहली उन्ही के गाने को रिकॉर्ड कर रहे है। जिसकी फीलिंग मैं बयां नही कर सकता । जब मैंने गाना गाया तो ऐसा लगा कि वो हमारे साथ थे और हमारी रिकॉर्डिंग सुन रहे थे। इन अहसासों को ,जज्बातों को, शब्दों में मेरे लिए बया करना, मेरे लिए, मेरी बहन तमारा के लिए और माँ के लिए बेहद मुश्किल हैं “।