हॉरर फिल्मों के दर्शकों के लिए इस शुक्रवार को अभिनेत्री गंगा ममगई और विवेक जेटली की फिल्म 'वश: पॉज़्ज़्ड बाई ऑब्सेस्ड' रिलीज हो रही हैं. इसे देखने से पहले आइए जानते हैं कि कैसी यह फिल्म।
फिल्म: वश: पॉज़्ज़्ड बाई ऑब्सेस्ड
कास्ट: गंगा ममगई, विवेक जेटली, ऋतुराज सिंह, कावेरी प्रियम, प्रीति कोचर, विशाल सुदर्शनवार
निर्देशक: जगमीत सिंह समुंदरी
निर्माता: गंगा ममगई
संगीत: मुख़्तार सहोता
रनटाइम: 1 घंटा 48 मिनट
रेटिंग: 3 स्टार्स
कहानी: फिल्म की कहानी शुरू होती है जिसमें एक युवा और युवती अपनी मंजिल पर जल्दी पहुंचने के लिए सुमसान जंगल के रास्ते को चुनते हैं। इस दौरान ये दोनों किसी अदृश्य शक्ति के हमले से शिकार हो जाते हैं । इस खबर के फैलने के बाद शहर की पॉपुलर टीवी रिपोर्टर पूजा (कावेरी प्रियम) इस घटना को रिपोर्ट करते हुए बताती हैं कि यह एक सिलसिलेवार तरीके से जंगल के इसी स्थान पर हो रही घटना है जिसमें लगातार मौत का शिकार हो रहे हैं । इस घटना की चर्चा यही थम जाती है और इसकी कहानी आगे बढती है । इस बार शहर में आंचल (गंगा ममगईं ) नाम की एक लड़की आती है जिसके साथ कुछ अजीब घटनायें होती हैं । वह कुछ परेशान है और इस बीच रक्षित (विवेक जेटली) अपने माँ के कहने पर अपनी प्रेमिका आंचल को शादी के लिए मनाता हैं । आंचल और रक्षित की शादी के बीच कुछ अजीब घटनायें होती हैं जिसे रक्षित का दोस्त शादी की फोटोग्राफ में देखता है लेकिन इसके पहले वह अपने दोस्त को कुछ बता पाया, ये अनजान शक्ति उसकी जान ले लेती हैं । आंचल शादी के बाद लगातार किसी अनजानी शक्तियों से परेशान हैं। ऐसे में वो टीवी रिपोर्टर दोबारा इस मामले पर काम अक्रती है और उसे कुछ चौंकाने वाले खुलासे होते हैं. इसी तरह से ये कहानी तेज गति से आगे बढ़ती है जिसमें कई सारे ट्वीस्ट्स और टर्न्स देखने को मिलते हैं ।
अभिनय: फिल्म में लीड रोल में आंचल के किरदार में गंगा ममगई का अभिनय प्रभावशाली हैं । फिल्म के पहले हिस्से में आंचल के किरदार के रंग और परते अलग हैं जबकि फिल्म के दूसरे भाग में कई चुनौतीपूर्ण दृश्य उनके हिस्से आए हैं । फिल्म के दूसरे प्रमुख किरदार रक्षित के रोल में विवेक जेटली का अभिनय भी सराहनीय है । फिल्म के प्रि-क्लाईमेक्स में उनके एक्शन और तेवर दोनो पर्दे पर अच्छे लगते हैं । अन्य प्रमुख किरदारों में पूजा के किरदार में कावेरी प्रियम और बेहराम के किरदार में विशाल सुदर्शनवार ने भी बहुत शानदार परफॉर्मेंस दिया है। शास्त्री जी के किरदार में ऋतुराज कहानी प्रशंसनीय है।
फाइनल टेक: जगमीत सिंह समुंदरी का लेखन और निर्देशन काफी सुलझा हुआ है । दरअसल यह हॉरर स्टोरी एक साधारण परिवार के जीवन में आए असाधारण अनुभवों ट्विस्ट और टर्न के साथ बहुत ही प्रभावशाली तरीके से दर्शाती है । फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा धीमा हैं लेकिन इंटरवल तक कहानी में बहुत कुछ ऐसा घटित होता हैं दर्शक कहानी के दूसरे भाग के लिए एक्साइटेड हो जाते हैं। फिल्म की कहानी अपने क्लाइमेक्स से पहले कई बार चौंकाती है। अगर आपको हॉरर फिल्में पसंद हैं,तो ‘वश: पॉज़्ज़्ड बाई ऑब्सेस्ड’ आपको निराश नहीं करेगी। फिल्म का संगीत कहानी से रोमांच को जोड़ता है। मनमोहक धुनें और अच्छी तरह से तैयार किए गए बैकग्राउंड रहस्य को बढ़ाते हैं फिल्म रहस्यमय और डरावने एलिमेंट के साथ एक परफेक्ट फिल्म हैं जो फिल्म के आखिरी दृश्य तक बांध कर रखती हैं।