Farmers should emphasize on organic farming

किसान फसलों की वृद्धी के लिए जैविक खाद के बजाए बडे पैमाने भारी मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे है इससे भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो रही है।

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  • भेंडाला परिसर के कीट प्रभावित फसलों का निरीक्षण 

चामोर्शी. किसान फसलों की वृद्धी के लिए जैविक खाद के बजाए बडे पैमाने  भारी मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे है इससे भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो रही है। इसलिए किसान अधिक से अधिक जैविक खेती पर जोर देने की अपील  जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहेब बराटे ने की है।

भेंडाला परिसर के कीट प्रभावित फसलों के निरीक्षण के दौरान किसानों से संवाद करते हुए बराटे बोल रहे थे। इस अवसर पर तहसील कृषि अधिकारी वसंत वलवी, सागर डांगे, कृषि पर्यवेक्षक दादा जेंगठे, नीता कोहचाले, नारायण वालदे, किसान किसन ढोबे, राजू चुधरी, सतीश कुटकमवार, राजेंद्र वासेकर, चंद्रय्या एगोलपवार उपस्थित थे। 

बराटे ने आगे कहा कि किसान प्रतिवर्ष खेतों में गोबर खाद डाल रहे थे। मात्र  कुछ दिनों से यह प्रमाण दिन ब दिन घट रहा है। वहीं मवेशियों की संख्या भी कम हो रही है। घरेलू स्वरूप में जैविक खाद तैयार कर उसका इस्तेमाल करना आवश्यक है। इसके लिए किसान नीम का अर्क, दशपर्णी अर्क, जैविक खाद का उपयोग करने पर फसलों की अधिक बाढ होती है। 

किसान ने निर्माण की कीटनाशक 

दोटकुली गांव के किसान किसन ढोबे ने स्वयं के घर जैविक कीटनाशक तैयार किया है। उन्होंने फसलों पर इस कीटनाशक का एक बार ही छिडकांव किया है। कृषि अधीक्षक  ने उनके खेतों का निरीक्षण किया तब ढोबे ने उक्त कीटनाशक संदर्भ में कृषि अधिक्षक को जानकारी दी। किसान तुअर व कपास फसलों पर भी जैविक कीटनाशक का छिडकाव करें, रासायनिक खाद व घास नाशक का उपयोग कम करे, समय रहते कीटों को नियंत्रित करे, ऐसी अपील कृषि अअधीक्षक बराटे ने किया है।