पाई पाई के लिए मोहताज राष्ट्रीय स्तर कराटे खिलाड़ी बहनें

राष्ट्रीय स्तर की कराटे प्रतियोगिता में ग्रीन बेल्ट और स्वर्णपदक प्राप्त दो बहनों ने तहसील समेत जिले का नाम रोशन किया था।

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  •  दुर्घटना में हुए थे घायल 
  • माता-पिता कर रहे इलाज में जद्दोजहद

सिरोंचा. राष्ट्रीय स्तर की कराटे प्रतियोगिता में ग्रीन बेल्ट और स्वर्णपदक प्राप्त दो बहनों ने तहसील समेत जिले का नाम रोशन किया था। उनकी उपलब्धी पर तत्कालीन जिलाधीश ने उनका सत्कार कर सराहना की थी। किंतु अब यह दोनों बहनें तेलंगाना के हास्पिटल में उपचार के दौरान पाई पाई को मोहताज है। उनके परिजनों ने दानदाताओं से मदद की गुहार लगायी है।

दोनों बहनों ने अपनी काबिलियत और हुनर के दम पर सभी को ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया था। जिसके लिए अनेकों ने दोनों को प्रमाणपत्र के साथ सम्मानित किया। किंतु एक दुर्घटना में दोनों गंभीर रुप से चोटिल हो गई और तेलंगाना के हास्पिटल में उपचार करा रही है। किंतु इन दिनों घोर गरीबी एवं आर्थिक तंगी से जूझ रही है।

आसरअल्ली गांव के समीप स्थित गांव सोमनुर की रंजिता रमुलू कुम्मरी एवं सौंदर्या रमुलू कुम्मरी परिवार आर्थिक तंगी से मजबूर होकर पडोसी तेलंगाना राज्य में मिर्ची तुडाई के लिए 4 अक्टूबर को सिरोंचा से आटो मे सवार होकर निकले थे। किंतु सिरोंचा से कुछ किमी की दूरी पर सामने से आ रही चौपहिया वाहन से भिड़ंत में आटो चालक समेत दोनों बहनें गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद उन्हे सिरोंचा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल किया गया किंतु बेहतर उपचार के लिए तेलंगाना के स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती किया गया है। इस दुर्घटना मे दोनों में से एक के पैर मे हड्डी टूटने से उसके इलाज का खर्चा परिवार वहन नहीं कर पा रहा है।

पहले से ही मजदूर  परिवार होने के कारण हमेशा परिवार आर्थिक तंगी से जीवन यापन करने पर मजबूर रहा है। ऐसे मे दुर्घटना के चलते घायल बेटियों का उपचार दुबले पर दो आषाढ जैसा प्रतीत हो रहा है। आर्थिक तंगी का शिकार परिवार अब बेटियों के इलाज के लिये दर दर भटकने मजबूर है। ऐसे मे स्थानीय स्तर पर सरकारी कर्मचारी वर्ग पंचायत समिति के कर्मचारियों ने सामूहिक रुप से परिवार को 12 हजार की मदद की है।  इसके अलावा सिरोंचा पंचायत समिति के सभापति सत्यम मोडाम ने भी परिवार को आर्थिक मदद की। जबकी जानकारी के मुताबिक दोनों बेटियों के इलाज के लिये लगभग 3 से 4 लाख रुपयों कि दरकार है। इसको देखते हुए पिता ने अब तहसील के अलावा जिले के निजी क्षेत्र एवं शासकीय क्षेत्र के सक्षम व्यक्ति और दानदाताओं से मदद की अपील की है।