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    गड़चिरोली. जिले में ग्रामपंचायत सरपंच, उपसरपंच पद के चुनाव समाप्त हो चुके है. जिससे अब ग्रामीणों की नवनिर्वाचित सरपंच व उपसरपंच की ओर से गाव विकास की उम्मीदें बढ़ चुकी है. यह उम्मीदें पूर्ण करने का आह्वान उनके समक्ष खड़ा है. जिले के 360 ग्रापं में से 320 ग्रापं का प्रत्यक्ष चुनाव 15 व 20 जनवरी को ऐसे दो चरण में संपन्न हुआ था. शेष 40 ग्रापं का चुनाव निर्विरोध हुआ. सरपंच पद का आरक्षण 8 फरवरी को घोषित हुआ. सरपंच, उपसरपंच चुनाव की अधिसूचना 28 जनवरी को निकाली गई थी. जिससे 28 फरवरी के पूर्व सभी ग्रापं का सरपंच पद का चुनाव समाप्त करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया था.

    इसके लिए 20 फरवरी तक का कालावधि दिया गया था. जिसके अनुसार चयन प्रक्रिया संपन्न होकर नवनिर्वाचित सरपंच, उपसरपंच ग्रामपंचायत पर विराजमान हुए है. जिससे अब असली रूप से गाव का विकास करना है तो सरपंच, उपसरपंच व ग्रामपंचायत सदस्यों को आस पास के विवादों को भुलकर केंद्र व राज्य राज्य सरकार की ओर से मिलनेवाले निधी के साथ ही जनप्रतिनिधिओं को मिलनेवाले निधी से कुछ निधी लाना होगा.

    ग्रापं के चुनाव में अनेक गाव के मतदाताओं ने पुराने सदस्यों को हराकर युवा नए चेहरों को गाव का विकास करने का अवसर दिया है. चुनकर दिए युवाओं में से अनेक युवाओं के गले में सरपंच, उपसरपंच पद की माला गिरी है. नवनिर्वाचित सरपंच, उपसरपंच व सदस्यों को गाव विकास के लिए सरकार के कौनसे योजनाओं के माध्यम से कितना विकास निधी मिलता है इसकी जानकारी जान लेनी होगी. 

    गाव के विकास हेतु केंद्र सरकार की ओर से 15 वे वित्त आयोग से, अनुसूचित जाती व नवबौद्ध घटक विस्तार का विकास व जनसुविधा इस माध्यम से निधी ग्रामपंचायत को दिया जाता है. 15 वे वित्त आयोग से मिलनेवाला निधी उस-उस गाव के लोकसंख्या के आधार पर दिया जाता है. इसमें साधारणत: 3 लाख से 20 लाख तक का निधी मिलता है. प्रत्येक गाव के सरपंच व उपसरपंच चुनकर आने के बाद असली रूप से ‘नई गाड़ी, नया राज’ इस कहावत की तरह प्रत्यक्ष गाव का विकास कार्य में शुरूआत होनेवाली है. 

    विकास कार्य में ग्रामीणों का सहभाग बढ़ाना आवश्यक

    गाव के सर्वांगिण विकास हेतु नवनिर्वाचित सरपंच, उपसरपंच व सदस्य खुद बैठक में पूरे समय तक उपस्थित रहना चाहिए, बैठक के पहले हुए निर्णय का जायजा लेना आवश्यक है. आयोजित ग्रामसभा के माध्यम से विकास कार्य में ग्रामीणों का सहभाग बढ़ने में ध्यान देना आवश्यक है. जिससे विकास होने में मदद होगी. नया सरपंच, उपसरपंच व सदस्य ने गाव की आंगणवाडी, पीने का शुद्ध पानी, पौधारोपण, सफाई, स्कुल के लिए ई-लर्निंग की सुविधा, समाज प्रबोधन कार्यक्रम चलाने की ओर ध्यान दे. 

    सरपंच, उपसरपंच को मिलेगा ग्रामविकास का प्रशिक्षण

    गाव यहीं देश विकास का केंद्रबिंदू होकर ग्रामपंचाय को और सक्षम बनाने का सरकार का ध्येय है. वित्त आयोग का निधी ग्रापं को मिल रहा है. ग्रापं विकास प्रारूप के माध्यम से गाव की स्वयंपूर्णती की ओर कदम रखना शुरू है. उस दृष्टी से ग्रापं का नेतृत्व करनेवाले सरपंच, उपसरपंच व ग्रापं सदस्य यह भी सक्षम होने के लिए उन्हें विभिन्न विषय संदर्भ में बुनियादी व व उचित ज्ञान, कौशल्य और दृष्टीकोन देना आवश्यक है. इसलिए उन्हें ग्रामविकास का प्रशिक्षण दिया जानेवाला है. उक्त प्रशिक्षण राष्ट्रीय ग्रामस्वराज्य अभियान अंतर्गत लिया जानेवाला है. यशदा, पंचायतराज प्रशिक्षण केंद्रे व पंचायत समिती के गुटविकास अधिकारी के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जानेवाला है.