Government will spend 20,050 crores in fisheries production

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गोंदिया (का). लॉकडाउन के दौरान अन्य व्यवसाय के अनुसार मत्स्य व्यवसाय भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जिला तालाबांे के जिले के नाम से जाना जाता है. जहां बड़े पैमाने पर मत्स्य उत्पादन लिया जाता है. लॉकडाउन के दौरान मछली मार्केट व अन्य व्यवसायों को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक दूकाने शुरु रखने की अनुमति दी गई है.

शहर में पहले मछली मार्केट 3-4 बजे से लगता था जो देर रात 8 से 9 बजे तक शुरु रहता था. लेकिन अब समय बदल जाने के कारण मछली की दूकाने 5 बजे तक शुरु रखी जाती है जिससे उनका माल बिक नहीं पाता. 5 बजने के पहले ही पुलिस के डर के कारण यह व्यवसायी अपनी दूकान समेटने लग जाते है जिससे उनके माल की खपत नहीं हो पा रही है. जिस समय उनकी दूकान 8 बजे तक शुरु रहती थी तब उनका अधिकांश माल बिक जाता था लेकिन अब समय परिवर्तन के चलते उनका काफी माल बच रहा है जिसे वे अपने घर ले जा रहे है जिससे उनकी मछलियां मरने की कगार पर भी पहुंच रही है. जिससे उन पर आर्थिक संकट का बोझ पड़ रहा है.

यातायात बंद होने के साथ ही मजदूरों के पास रोजगार न होने के कारण मछली की मांग में बडे़ पैमाने पर गिरावट दिखाई दे रही है. जिसका खामियाजा मत्स्य उत्पादक सहकारी संस्थाओं को व बांध व नदी में मछली पकड़ने वाले मछुआरों, ढिमर, भोई, कहार व तत्सम समाज को भुगतना पड़ रहा है.

मत्स्य व्यवसायी समय परिवर्तन को लेकर भी चिंताग्रस्त है. अब वे अपना माल मार्केट में कितने बजे लाएगे और शाम 5 बजे के पहले कितना माल बेच सकेंगे ऐसा प्रश्न उनके समक्ष खड़ा हो गया है. वहीं बढ़ते तापमान के कारण भी व्यवसायियों की मछलियों की मरने की संभावना अधिक बनी रहती है. गर्मी में इन व्यवसायियों का अधिकतर माल जल्दी खराब हो जाता है.