गोंदिया. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के महिला व किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान सेनिटरी नैपकीन का उपयोग करने के मुख्य उद्देश्य से राज्य शासन की ओर से मार्च 2018 में अस्मिता योजना की शुरुआत की गई, किंतु संवेदनशील योजना को प्रभावी रूप से अब तक अमल में नहीं लाया गया. जिसके लिए 15 से 31 अगस्त तक जिले के प्रत्येक ग्राम में इसे अमल में लाया जाएगा.
राज्य शासन के ग्राम विकास अंतर्गत उमेद जिला अभियान व्यवस्थापन कक्ष महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान जिला स्तर पर अमल में लाई जाती है. योजना अंतर्गत 15 से 31 अगस्त के बीच जिले के विभिन्न ग्राम, तहसील, जिला स्तर की दूकानें, शॉपिंग काम्प्लेक्स, मॉल आदि स्थानों पर अस्पिता प्लस सेनिटरी नैपकीन के पैकेट रखकर अस्मिता योजना प्रचार-प्रसार किया जाएगा.
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में की जाएगी जनजागृति
उपयोग में लाई गई सेनेटरी नैपकीन को डिस्पोज करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर न फेंकते हुए उसे डिस्पोज करने के लिए जनजागृति की जाएगी. जिले के ग्रामीण व शहरी भागों की महिला व किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी नैपकीन का उपयोग का प्रमाण बढ़ाने व उमेद अंतर्गत पंजीकृत जिले के ग्रामीण भागों के स्वयं सहायता समूह द्वारा सेनेटरी नैपकीन बिक्री कर महिलाओं को एक अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराना व बिक्री के माध्यम से जिले की महिला गटों का व्यवसाय वृध्दिंगत कर उनकी आय बढ़ाने का अवसर उपलब्ध करा दिया जाएगा.