Dam
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गोंदिया. जून से लेकर अगस्त तक किसी भी महीने में जिले में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. जहां सिंचाई की सुविधा थी वहां रोपाई तो हुई, किंतु अब पौधे सूखने लगे हैं. खेतों में पानी की बजाए दरारे दिखाई दे रही हैं. जिले के खाली जलाशय व सूखे खेत गंभीर सूखे के संकेत दे रहे हैं. अब तक किसी भी प्रकार का सर्वे नहीं किया गया है.

कालीसराड़ में पानी नहीं
उल्लेखनीय है कि तालाबों के नाम से प्रसिद्ध गोंदिया जिला पानी व सिंचाई के लिए संपूर्ण विदर्भ में संपन्न माना जाता है. इस वर्ष कालीसराड़ जलाशय में शून्य प्रश व अन्य जलाशयों में भी नहीं के बराबर पानी शेष बचा है. 2 अगस्त को इटियाडोह में 25.98 प्रश, सिरपुर 22.53 प्रश, पुजारीटोला 10.70 प्रश व धापेवाड़ा प्रकल्प में 20 प्रश जल संग्रहण था. 

फसलें बचाने की जद्दोजहद
उल्लेखनीय है कि इन सभी जलाशयों से पिछले 15 से 20 दिनों में फसलें बचाने लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे जलाशय भी अब ऑक्सीजन पर आने लगे हैं. रोपाई करने व फसलों को बचाने किसानों ने नदी, नाले व तालाबों में मोटर पंप लगाकर पानी निकाला. अब वहां का पानी भी गायब हो जाने से फसलें बचाने की जदोजहद किसान करते नजर आ रहे हैं. पानी के अभाव में 70 प्रश रोपाई अटकी, अब रोपाई का समय भी निकला गया है.