- 813 : गत वर्ष मई अंत तक
- 474 : इस वर्ष मई अंत
- 339 : अपराधों में कमी
गोंदिया. हर वर्ष बढ़ती जनसंख्या से अपराधों में वृद्धि होना लाजमी है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने कहर ढा दिया है. जिले में पिछले ढाई महीने से लॉकडाउन शुरू है. जिससे गत वर्ष की तुलना में इस बार 42 प्रश अपराधों में कमी हुई है. गत वर्ष अपराधों का खुलासा करने का प्रमाण 75 प्रश था. वहीं इस बार यह प्रमाण 80 प्रश है. जिला पुलिस के प्रयास से अपराधों का खुलासा होने का प्रमाण 5 प्रश बढ़ा है.
जिला आदिवासी व नक्सलग्रस्त जिले के रूप में पहचाना जाता है. जिले से मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ राज्यों की सीमा लगी है. जिससे अपराध में वृद्धि होना सहज है, किंतु पुलिस की सक्रियता व कोरोना संक्रमण के चलते इस बार 339 अपराधों में कमी देखी गई है. गत वर्ष 813 मामले मई के अंत तक दर्ज किए गए थे. जबकि वर्ष 2020 में मई के अंत तक 474 मामले दर्ज हुए हैं. यानि इस बार लॉकडाउन से 339 अपराध कम हुए है. गत वर्ष की तुलना में इस बार 42 प्रश अपराधों की कमी दर्ज की गई है.
5 महीने में चोरी डकैती के 67 मामले कम
इसी तरह डकैती, जबरी चोरी, घरफोड़ी व चोरी जैसे मामले गत वर्ष 291 दर्ज किए गए थे. इस बार 5 महीने में 180 मामले दर्ज किए गए है. इसमें गत वर्ष की तुलना में 67 मामलों की कमी हुई है. इन अपराधों के खुलासे का प्रमाण गत वर्ष 35 प्रश था. वहीं इस बार 60 प्रश है. अपराधों का खुलासा करने का प्रमाण गत वर्ष की तुलना में इस बार 25 प्रश बढ़ा है. मारपीट के प्रकरण गत वर्ष 281 मामले थे. इसमें भी 106 अपराध घट गए है. इस बार 175 अपराध दर्ज किए गए है. गत वर्ष की तुलना में 38 प्रश कम है.
पुलिस विभाग चौकन्ना : एसपी
जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे ने बताया कि कोरोना के साथ लड़ते-लड़ते अपराध न हो इस पर पुलिस विभाग ने ध्यान दिया है. प्रकरणों में आरोपी तक पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार करने का काम पुलिस कर रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 42 प्रश अपराधों में कमी आई है. अपहरण के प्रकरण गत वर्ष 49 थे. जबकि इस बार केवल 15 मामले दर्ज हैं. इस बार 34 अपराधों की कमी है. बलात्कार का प्रमाण भी घटा है. गत वर्ष 5 माह में 31 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए थे. इस बार 17 मामले दर्ज हुए है. इसमें भी सीधे 14 मामलों में कमी देखी जा रही है. विनयभंग की 42 शिकायतें गत वर्ष पुलिस ने दर्ज की थी. इस बार 36 मामले दाखिल किए गए. इसमें 36 मामले कम हो गए हैं.