Plastic
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गोंदिया. जिले में लॉकडाउन में प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग खुलेआम शुरु हो गया है. शासन ने राज्य में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन प्रशासन कोरोना के कार्य में व्यस्त होने से कार्रवाई के अभाव में शहरों में प्लास्टिक का उपयोग बड़ी संख्या में बढ़ गया है. शहर में प्लास्टिक बंदी केवल नाममात्र के लिए दिखाई दे रही है. प्लास्टिक की वजह से पर्यावरण की होने वाली हानी टालने के लिए राज्य शासन ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

राज्य में अनेक वर्षों से 50 मायक्रॉन से कम वाली प्लास्टिक थैली पर प्रतिबंध लगा है. लेकिन अब राज्य शासन ने सीधे प्लास्टिक प्रतिबंध का निर्णय लिया है. इसके लिए कानून में सुधार, कानून का पालन नही करने वाले होटल, विक्रेताओं के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई का प्रावधान, नियमों का उल्लंघन करने वाले को 3 से 6 माह सजा व लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव राज्य शासन के विचाराधीन है. इस संदर्भ में तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में पर्यावरण मंत्री ने भी प्लास्टिक प्रतिबंध की घोषणा की थी. जिससे प्लास्टिक थैलियों का उपयोग करने वाले व्यवसायियों में खलबली मच गई थी.

कार्रवाई के भय से अनेक व्यवसायियों ने प्लास्टिक की थैलियों से तौबा कर ली थी. इसके बाद पर्याय के रुप में कागज व कपडे़ की थैलियों का चलन शुरु हो गया. शहर में अनेक दुकानदारों ने कागज व कपडे़ की थैलियों की बिक्री शुरु की थी. खरीदे गए माल के साथ थैली के अतिरिक्त पैसे लिए जा रहे थे. जिससे ग्राहकों ने घर से थैलियों को लेना शुरु कर दिया. लेकिन लॉकडाउन से शहर में प्लास्टिक थैलियों का खुलेआम उपयोग शुरु हो गया है. इसमें अनेक व्यापारियों ने पुरानी प्लास्टिक थैलियों का उपयोग शुरु कर दिया है. इस ओर प्रशासन को ध्यान देकर कार्रवाई करने की आवश्यकता है.