- यातायात नियमों की उड़ रही धज्जियां
गोंदिया. जिला मुख्यालय में गिनती के सिग्नल होने के बावजूद दो मिनट रुकने की आदत वाहन चालकों में नहीं है. सिग्नल ग्रीन होने के पूर्व वाहन चालक सरपट दौड़ पड़ते हैं. वहीं दूसरी ओर येलो सिग्नल पार करने के चक्कर में वाहन चालक जाने की तैयारी में रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में भरे चौक पर भीषण दुर्घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन इस ओर यातायात पुलिस अनदेखी कर रही है.
जिला मुख्यालय में वैसे भी यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. किसी भी नियम का पालन नहीं करना वाहन धारकों की आदत पड़ गई है. वहीं सिग्नल के नियम तोड़ने का इतिहास शहरवासी कर रहे है. जिला मुख्यालय के बस स्थानक, जयस्तंभ चौक, फुलचूर नाका, सारस चौक में यातायात व्यवस्था सुचारू करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं. सिग्नल एक मिनट में छूटता है, जबकि एक मिनट वाहन चालक रुकने के लिए तैयार नहीं है. इसी में अनेक बार सिग्नल पर वाहनों की भीड़ होती है. वहीं दूसरे बाजू सिग्नल शुरू रहते एक भी वाहन नहीं रहता है. ऐसे समय रेड सिग्नल होने पर भी मार्ग पार किया जाता है. सिग्नल छूटने के लिए कुछ सेकंड रहते ग्रीन सिग्नल होने के पूर्व ही अनेक लोग वाहन लेकर आगे निकल जाते हैं, जबकि दूसरे बाजू वाले येलो सिग्नल मिलने पर वाहन धारक उतने ही सक्रिय हो जाते हैं.
खतरे में डाल रहे जान
जिससे वाहन एक दूसरे से टकराने का भय रहता है. इसी तरह जयस्तंभ चौक में दो दिन पूर्व जिलाधीश कार्यालय से आने वाले वाहन धारकों को सिग्नल नहीं होने के बाद भी मोटर साइकिल चालक सीधे आगे निकल गया. इसी समय सिग्नल खुला होने से डा आंबेडकर चौक से वाहन तेज गति से बस स्थानक की ओर जा रहे थे. इसमें दोनों वाहन टकराने से बाल-बाल बच गए. इन केवल दो मिनट के लिए वाहन धारक अपनी जान को खतरे में डालते हैं. स्वयं के साथ ही दूसरे के समक्ष संकट खड़ा कर देते हैं, जबकि दो मिनट में किसी को भी कोई महत्वपूर्ण काम नहीं होता है.